Delhi Drug Racket: नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने प्रतिबंधित औषधियों की अवैध सप्लाई करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस टीम ने इस कार्रवाई में ट्रामाडोल आधारित लगभग 54,000 प्रतिबंधित गोलियाँ बरामद की हैं, जिनकी अनुमानित बाज़ार कीमत ₹32 लाख से अधिक बताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और प्रारम्भिक जाँच से संकेत मिला है कि यह नेटवर्क संभवतः अंतरराष्ट्रीय ड्रग सप्लाई चैन से भी जुड़ा हो सकता है। Delhi News
यह विशेष अभियान 7 अक्टूबर को उस समय शुरू हुआ, जब पुलिस को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मदनपुर खादर एक्सटेंशन–I क्षेत्र में गतिविधियों की गुप्त सूचना मिली। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने जाल बिछाकर मोहम्मद आबिद (50) नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जिसके बैग की जाँच में बड़ी मात्रा में ट्रेकेन-100 नामक ट्रामाडोल युक्त मन:प्रभावी दवा पाई गई। ट्रामाडोल को वर्ष 2018 में NDPS अधिनियम के अंतर्गत नियंत्रित पदार्थ घोषित किया गया था। बरामदगी के बाद पुलिस ने NDPS अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आबिद को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उजागर हुआ पूरा नेटवर्क | Delhi News
पूछताछ के दौरान आबिद ने स्वीकार किया कि वह जावेद खान (45) के साथ मिलकर काम करता था, जो जामिया नगर स्थित जोहरी फ़ार्म का निवासी है। बाद में पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। आगे की जाँच में तीन और लोगों की भूमिका सामने आई, जिन्हें बाद में हिरासत में लिया गया:
- सुनील कुमार (40) – कपासहेड़ा सीमा के पास समालखा में स्थित एक गोदाम का प्रबंधक
- विष्णु दत्त शर्मा (62) – द्वारका का निवासी तथा एक निर्यात व्यवसाय से जुड़ा व्यक्ति
- विकास सिंह उर्फ ईश्वर यादव (38) – रंगपुरी क्षेत्र में कूरियर सेवा चलाने वाला
ये सभी आरोपी मिलकर प्रतिबंधित ट्रामाडोल की खरीद, भंडारण और सप्लाई का संगठित नेटवर्क चला रहे थे।
जाँच में पता चला कि जावेद खान ने कस्टम हाउस एजेंट के रूप में अपने अनुभव का दुरुपयोग करते हुए दवाओं की गैर-कानूनी आवाजाही के लिए आवश्यक संपर्क उपलब्ध कराए। सुनील कुमार अपने गोदाम को स्टोरेज हब के रूप में इस्तेमाल करवाता था, जबकि विष्णु दत्त शर्मा और विकास सिंह कथित तौर पर सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी संभालते थे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में अवैध दवा की बरामदगी यह संकेत देती है कि यह गिरोह संभवतः अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के साथ काम कर रहा था। इस संबंध में जाँच टीम अब विस्तृत स्तर पर सप्लाई चैन को खंगाल रही है और अन्य संभावित सदस्यों की तलाश जारी है। Delhi News















