चार तटबंधों पर डटी डेरा सच्चा सौदा की ‘फौज’

Sirsa Flood
सरसा। ये तस्वीरें रानियां के गांव पुरानी चामल के साइफन पर बांध की हैं जहां शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग द्वारा चलाए गए अभियान में 70 फीट की दरार को लगभग 24 घंटों में भर दिया। छाया- राजू ओढ़ां

असंभव लग रहे पुरानी चामल के साइफन पर 70 फीट लंबे बांध को बनाकर ही श्रद्धालुओं ने लिया दम

  • डिंग रंगोई नाले को पाटने, बाजेकां में नाले की पटरी और फिरोजाबाद में घग्गर के तटबंधों को मजबूत करने
    में जुटे सेवादार
  • बाढ़ ग्रस्त गांवों में भोजन, पानी व मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटे डेरा अनुयायी

सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। रब कहता है किसी को तकलीफ देकर मुझसे अपनी खुशी की दुआ मत करना, लेकिन अगर किसी को एक पल की खुशी देते हो तो अपनी तकलीफ का फिक्र मत करना। जी हां, डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा मानवता के उद्धार के लिए बनाई शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार निरंतर इसी ध्येय को पूरा करते हुए घग्गर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में जुटे हुए हैं। हालांकि गोली की रफ्तार से बह रहे घग्गर के पानी को रोकने की राहें कठिन हैं। लेकिन सेवादारों के बुलंद हौसले तथा सेवा के बेमिसाल जज्बे की हर कोई दात दे रहा है। Sirsa Flood

क्योंकि ये सेवादार अपनी जान की परवाह किए बगैर चट्टान की भांति डटकर आबादी एरिया में घग्गर (Ghaggar) के पानी को घुसने से रोक रहे है तथा इसी के चलते हर जुबां पर अब डेरा सच्चा सौदा के फरिश्तों का नाम छाया हुआ है। वीरवार को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने अलग-अलग टीमें बनाकर जिले में घग्गर बाढ़ प्रभावित दर्जनभर गांवों में घग्गर के बांधों को मजबूती प्रदान करने की सेवा की। इनमें मुख्य रूप से गांव डिंग के नजदीक टूटे रंगोई नाले को पाटने और बाजेकां गांव के समीप से गुजरने वाले रंगोई नाले पर मिट्टी के थैलों की भरत डालकर पटरी को मजबूत करने में ग्रामीणों का सहयोग किया। जबकि पुरानी चामल गांव में रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल के साइफन पर अस्थाई बांध को बनाकर अनेक गांवों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया।

सेवादारों ने असंभव को कर दिखाया संभव | Sirsa Flood

जिक्रयोग है कि पुरानी चामल में सेवादारों ने असंभव माने जा रहे करीब 70 फीट लंबे बांध को बांधकर ही दम लिया और ग्रामीणों को राहत दिलाई। साइफन से चैनल में क्षमता से अधिक पानी की निकासी होने के कारण रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल ओवरफ्लो चल रहा था। जिससे साथ लगते कई गांवों और खेतों पर बाढ़ का खतरा बना हुआ था। हालांकि साइफन को बंद करने के लिए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर भरसक प्रयास किए थे। यहां तक कि ग्रामीणों ने एक ट्राली को भी क्रेन की माध्यम साइफन के अंदर उतारा था। लेकिन साइफन में पानी का बहाव कम नहीं हुआ।

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हालांकि इस दौरान एनडीआरएफ भी यहां बांध बनाने में ग्रामीणों के साथ जुटी हुई है। जब सभी प्रयास असफल होते दिखे तो प्रशासनिक अधिकारियों व ग्रामीणों ने शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग की मदद मांगी। जिसके पश्चात पिछले दो दिनों से डेरा सच्चा सौदा के जाबांज सेवादार साइफन पर अस्थाई बांध बनाने में जुटे हुए थे और वीरवार शाम को बांध बनाने में इसमें सफलता हासिल की है। Sirsa Flood

उधर सरसा एसडीएम राजेंद्र कुमार जांगड़ा व सिंचाई विभाग के एक्सईएन एनके भोला सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सेवादारों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि सेवादारों ने बांध बनाने में गजब की सेवा की है, जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग की ओर से बृहस्पतिवार को ओटू हैड के नजदीक स्थित फिरोजाबाद, सहारनी, नेजाडेला खुर्द, पनिहारी, मुसाहिब वाला, बुर्ज कर्मगढ़, रंगा सहित अनेक गांवों में बाढ़ राहत कार्य के तहत बांधों को मजबूत करने में अपना सहयोग दिया।

सेवादारों ने गांव के साथ लगते बांधों पर मिट्टी से भरे थैले रखकर उनको मजबूत किया। ताकि घग्गर का पानी गांवों में ना घुसे। साथ ही सेवादारों की टीमों ने बाढ़ में फसे लोगों को लंगर-भोजन, पीने का पानी, दवाइयां सहित जरूरी सामान पहुंचाया। वहीं सेवादार बाढ़ पीड़ित लोगों के पशुओं के लिए भी हरा व सूखा चारा भी उनके घरों में उपलब्ध कराया।

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