बेईमानों को ‘राजनीतिक कवर’ दे रहे कुछ नेता

Narender Modi
  • नोटबंदी मुद्दा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर बोला तीखा हमला, देश के आमजन को सराहा

Varanasi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों और नेताओं पर ‘पाकिस्तान की तरह’ रणनीति अख्तियार करने और बेईमानों को बचाने के लिए ‘राजनीतिक कवर’ देने का आरोप लगाया। मोदी ने वीरवार को अपने ससंदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित संस्कृति महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान घुसपैठियों को भेजने के लिए सीमा पर फायरिंग शुरु कर देता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी सेना उधर बिजी हो जाती है और आतंकवादी लपककर घुस जाते हैं। पाक सेना घुसपैठियों को ‘कवर’ देती है। ठीक इसी तरह बेईमानों को बचाने के लिए अपने देश में ‘राजनीतिक कवर’ दिया जा रहा है।’ उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि जेबकतरा जैसे ही पाकेट मारता है, उसके साथ के लोग पुलिस को बरगलाने के लिए दूसरी तरफ चोर-चोर का शोर मचाते हैं। पुलिस का ध्यान भटकते ही जेबकतरा निकल जाता है। बेइमानों को बचाने के लिए न जाने कैसी कैसी तरकीब अपनाई जा रही हैं।
मोदी ने कहा, ‘मैंने सोचा नहीं था कि कुछ राजनेता और कुछ राजनीतिक दल बेईमानों के साथ खड़े हो जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि मोदी जी ने इतना बडा निर्णय ले लिया, उनको अनुमान ही नहीं था कि इसमें काफी दिक्कतें आएंगी। उनका कहना था कि दिक्कतों का अनुमान तो था लेकिन एक चीज का आभास नहीं था कि कुछ लोग बेईमानों की तरफ से खड़े हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कटाक्ष किया, ‘एक युवा नेता अभी भाषण सीख रहे हैं। जबसे उन्होंने बोलना शुरु किया, तबसे मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि 2009 के पहले पता ही नहीं चलता था कि इस पैकेट में क्या-क्या है। अब पता चल रहा है। अच्छा किया उन्होंने बोलना शुरु कर दिया देश भूकम्प से बच गया।’
उन्होंने कहा कि ‘युवा नेता’ कहते हैं कि जिस देश में 60 फीसदी अनपढ़ हो, वहां मोदी जी कैशलेस व्यवस्था कैसे लागू कर पाएंगे। उन्होंने सवाल किया कि 60 फीसदी अनपढ़ की बात करके गांधी किसका रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे हैं। देश में सर्वाधिक समय तक शासन नहीं के परिवार ने किया है तो अनपढ़ों की संख्या इतनी कैसे रह गई।
मोदी ने कहा कि देश में बड़ा सफाई अभियान चल रहा है। गंदगी का ढेर हो गया है। गंदगी के ढेर के पास से गुजरने पर दुर्गन्ध आती है। एक सीमा में दुर्गन्ध महसूस होती है लेकिन जब उसकी सफाई शुरू होती है तो वह इतनी फैलती है कि वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। आजकल तरह-तरह की गंध महसूस हो रही है। मैंने गंध की सफाई का बीड़ा उठाया है। ‘भोले बाबा’ की धरती का आशीर्वाद हमारे साथ है। जनता का विश्वास मिल रहा है। गंदगी की सफाई तो होकर रहेगी।

मनमोहन पीएम और वित्त मंत्री रहे फिर भी आधी आबादी गरीब क्यों?
मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 1970 से देश की अर्थव्यवस्था की कोर टीम में थे। डॉ. सिंह का कहना है कि जिस देश में 50 फीसदी लोग गरीब हों वहां कैशलेस व्यवस्था के लिए नई टेक्नोलॉजी कैसे लाई जा सकती है। डॉ. मनमोहन सिंह को बताना चाहिए कि 10 साल वह प्रधानमंत्री थे, देश के वित्तमंत्री थे फिर भी आधी आबादी गरीब कैसे रह गई। इसी तरह पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने कह दिया 50 फीसदी गाँव में बिजली ही नहीं है। पीएम ने व्यंग्य किया, ‘क्या बिजली का तार हमने काट दिया। क्या खंभा हमने उखाड़ दिया। भाई मेरे, हमें बताइये कि आपने यह रिपोर्ट कार्ड किसका पेश किया है। देश में 60 साल से अधिक शासन आपकी पार्टी का था, तो यह सब कैसे रह गया।’

कालाधन फिर से न पनपे, करें सहयोग
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद जनता ने बड़ी तकलीफ झेली है। तकलीफ के बावजूद देश ईमानदारी की ओर चल पड़ा है। आठ-आठ घंटे कतार में खडेÞ होकर भी आम जनता ऊफ तक नहीं कर रही, क्योंकि वे भ्रष्टाचार को समूल नष्ट होते देखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को समझना चाहिए कि लोग अपने स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि देश की भलाई के लिए कतार में खड़े हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में किसी का ‘काला मन’ खुल रहा है तो किसी का ‘कालाधन’ खुल रहा है। उन्हें विश्वास है कि देश सोने की तरह तप कर निकलेगा। मोदी ने नौजवानों से आग्रह किया कि कालाधन की सफाई तो हो रही है लेकिन यह फिर से न पनपे इसमें वे सहयोग करें। Agency

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