Diwali 2023: इस दिवाली पर कुछ इस तरह से सजाएं अपना घर… लोग करेंगे तारीफ

Diwali 2023
Diwali 2023: इस दिवाली पर कुछ इस तरह से सजाएं अपना घर... लोग करेंगे तारीफ

Diwali 2023: पूरे भारत में दीपावली का त्यौहार धूम्रधाम व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दीपावली की शुरूआत से पहले ही बाजारों और घरों में खुशी का माहौल बन जाता है। देश के कई राज्यों में दीपावली का त्यौहार कई-कई दिनों तक चलता है, जिसमें घरों को बेहद खूबसूरत तरीकों से सजाया भी जाता है। हालांकि, कई लोग अपने घर को सजाने के लिए बेहद खर्चा करते हैं। लेकिन, आप कम बजट में घर को सजाना चाहते हैं तो आज हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं, जो बिल्कुल आपके बजट में आएंगे। इन टिप्स की मदद से आपकों ज्यादा खर्चा नहीं करना होगा और दीपावली में आपका घर भी बिल्कुल जगमगाएगा।

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रंग-बिरंगे पेपर लैंप से सजाएं | Diwali 2023

दीपावली में अपने घर को बेहद सस्ते और अलग तरीके से सजाने के लिए आप कलरफुल पेपर लैंप का इस्तेमाल कर सकते हैं। बाजार में आपको ऐसे कई पेपर लैंप मिल जाएंगे जो देखने में काफी खूबसूरत होते हैं और बजट फ्रेंडली भी हैं। लेकिन, आप चाहे तो अपने घर पर भी मल्टी कलर पेपर से लैंप बना सकते हैं। आप इन पेपर लैंप के अंदर चाहे तो रंग-बिरंगे एलइडी लाइट्स डालकर एक नया लुक दे सकते हैं। यह आइडिया घर को एक नया लुक देगा।

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Diwali 2023: इस दिवाली पर कुछ इस तरह से सजाएं अपना घर… लोग करेंगे तारीफ

इन दीयों से सजाएं | Diwali 2023

यदि आप दीपावली में अपने घर को सजाने के लिए नॉर्मल मिट्टी वाले दीयों का इस्तेमाल कर सकते हैं, तो इस बार कुछ नया तरीका अपनाएं। आप दीयों को कलर करें, उसमें मोतियों का लेस लगाएं। आप चाहे तो दीयों में वाटर कलर से मधुबनी पेंटिंग भी बना सकते हैं और छोटे डिब्बों को कलर करके उनमें दीया डालकर दीवार पर लटका भी सकते हैं।

कांच के सामान से सजाएं घर

घर को शानदार व आर्कषक लुक देने के लिए आप कांच के कई चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आपके पास कांच की बोतल या पुराने लालटेन रखे हैं, तो इन्हें कलर करके आप घर के दीवारों पर टांग दें। इसके अलावा यदि आपके पास कांच के काफी बोतल पड़े हैं, तो उन्हें सबसे पहले कलर करें। उनमें गोल्डन ग्लिटर लगाएं और मोमबत्तियां को उनके अंदर रख दें। ये देखने में काफी खूबसूरत लगेंगे।

नई तरीके से बनाए रंगोली | Diwali 2023

दीपावली में आज तक आपने रंगों से रंगोली बनाई होगी। लेकिन, इस बार आप कुछ नया तैयार कर सकते हैं। रंगों के बजाय इस बार आप अपने घर के आंगन में रंग-बिरंगे फूलों से रंगोली बना सकते हैं। यह एक इको फ्रेंडली तरीका है, जिसमें ज्यादा खर्चा भी नहीं होगा और यह आपके घर को बिल्कुल नेचुरल लुक देगा।

साड़ी से बनाएं पर्दे

दीपावली में घरों को सजाने के लिए मार्केट में आजकल नए डिजाइन और कलर के महंगे पर्दे मिलते हैं, जो हो सकता है आपके बजट में बिल्कुल शामिल न हो। अगर आप रंग-बिरंगे पर्दों से घर सजाना चाहते हैं, तो इसके लिए अपने पुरानी डिजाइनर साड़ियों का इस्तेमाल करें। आप अपनी पुरानी प्रिंटेड या बनारसी साड़ी को पर्दो के रुप में इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रखें की ड्राइंग रूम को सजाने के लिए आप दो अलग डिजाइन और कलर की साड़ियों का इस्तेमाल करें। यह घर को शानदार लुक देगा।

यह कंपनी बना रही है सस्टेनेबल पटाखे | Diwali 2023

इन सभी सस्टेनेबल पटाखों को अखबार या रिसायकल्ड पेपर का उपयोग करके बनाया जाता है। प्लांटेबल पटाखे बेचने वाले सीड पेपर इंडिया के संस्थापक रोशन रे ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि इन पटाखों के बारे में अभी भी जागरूकता लाने की की जरूरत है, क्योंकि केवल जागरूक व्यक्ति ही इन विकल्पों पर विचार करेंगे। सीजन के दौरान बहुत सारे लोगों और जानवरों की पटाखों से घायल होने की खबरें आती हैं।

बाजार में प्लांटेबल पटाखों की एंट्री

दीवाली का त्योहार अपने साथ खुशियां और पॉजिटिविटी लेकर आता है। लेकिन इसके साथ-साथ पटाखों के कारण इतना ज्यादा प्रदूषण हो जाता है कि लोगों की सांस घुटने लगती है। इस घुटन से बचने के लिए ही दीवाली से पहले लोगों से अपील की जाती है कि वे केमिकल वाले पटाखे जलाने से बचें और अब सीड गणेश, होली के आॅर्गनिक रंग और पर्यावरण-अनुकूल राखियों के बाद, बाजार में अब प्लांटेबल पटाखों ने भी एंट्री ली है।

इन नए, सस्टेनेबल पटाखों में फ़्लोपॉट, चकरी, रॉकेट, फुलझड़ियाँ और बम शामिल हैं, जो सल्फर और फास्फोरस जैसे हानिकारक रसायनों का उपयोग करने की बजाय, अलग-अलग बीजों से बने होते हैं। अलग-अलग पटाखों में अलग-अलग बीज होते हैं, जैसे, चकरी में 12-15 चिया बीज होंगे, जबकि फुलझड़ी में तुलसी के, रॉकेट से गेंदे के बीज निकलेंगे और लक्ष्मी बम में टमाटर के बीज होंगे। बताया जा रहा है कि ये सभी पटाखे चार से छह सप्ताह में अंकुरित हो जाते हैं और उनके अंकुरण की संभावना 70-75 प्रतिशत होती है, अगर नियमित रूप से देखभाल की जाए।