न्यूयॉर्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया है कि वह निचली अदालत के उस निर्णय को पलट दे, जिसमें उनके द्वारा लगाए गए कई टैरिफ को अवैध करार दिया गया था। यह याचिका संघीय अपील अदालत के हालिया फैसले के बाद दायर की गई, जिसमें 7-4 के बहुमत से कहा गया था कि ट्रंप ने आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम का उपयोग करते हुए अधिकांश व्यापारिक साझेदारों पर शुल्क लगाकर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कदम उठाया। अदालत के अनुसार, इस प्रकार के टैरिफ लगाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं, बल्कि कांग्रेस के पास है। Trump Tariff News
मई 2025 में न्यूयॉर्क स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने भी इन शुल्कों को गैरकानूनी घोषित किया था। ट्रंप प्रशासन की ओर से दायर दस्तावेजों में चेतावनी दी गई है कि यदि जून 2026 तक इस पर रोक नहीं लगी, तो पहले से वसूले गए 750 अरब से 1 ट्रिलियन डॉलर तक की राशि लौटानी पड़ सकती है, जिससे आर्थिक अव्यवस्था खड़ी हो सकती है।
”वित्त मंत्रालय को यह राशि लौटानी पड़ सकती है”
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने अपने बयान में कहा कि इस मामले का महत्व अत्यधिक है। उनके अनुसार, अमेरिकी कंपनियाँ 24 अगस्त तक ऐसे टैरिफ पर 210 अरब डॉलर से अधिक चुका चुकी हैं, जिन्हें अदालत ने अवैध घोषित किया है। यदि उच्चतम न्यायालय भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखता है, तो वित्त मंत्रालय को यह राशि लौटानी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने अप्रैल 2025 में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करते हुए इस अधिनियम का उपयोग किया था। उनका कहना था कि बढ़ता हुआ व्यापार असंतुलन घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुँचा रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा है। हालांकि, अपील अदालत ने अपने आदेश को 14 अक्टूबर तक स्थगित रखा है, जिससे ट्रंप को सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने का अवसर मिल सके। Trump Tariff News