- 
जनता से अपील, अवैध कॉलोनियों में न खरीदें प्लॉट व मकान
- 
सरकारी कार्यालयों में चस्पा जाएंगी अवैध कॉलोनियों की सूची
करनाल। (सच कहूँ/विजय शर्मा) टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग की 2011 की अधिसूचना के तहत गठित जिला टास्क फोर्स की बुधवार को एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में, करनाल के डीटीपी आरएस बाठ ने जानकारी दी कि जिला में 80 से 85 ऐसी कॉलोनियां का पता लगाया गया है, जो अवैध हैं और प्रारम्भिक स्टेज पर हैं। इनमें से करीब 40 कॉलोनियां अकेले करनाल अर्बन में हैं। इसे देखते लोगों से अपील की जाती है कि वे अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें। उन्होंने बताया कि इस बारे सभी उपमण्डलाधीशों व तहसीलदारों को किला नम्बर/खसरा नम्बर सहित लिखित सूचना भेजी जा रही है कि वे ऐसी कॉलोनियों में रजिस्ट्री न करें। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम को ऐसी कॉलोनियों की लोकेशन देकर उनसे भी इनमें कनैक्शन न देने के लिए अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनता की जानकारी के लिए ऐसी कॉलोनियों की सूची, उपायुक्त कार्यालय, नगर निगम, सभी एसडीएम कार्यालय व तहसीलों में चस्पा करवाई जाएंगी।
डीटीपी कार्यालय बना रहा नया मास्टर प्लान
मीटिंग में डीटीपी ने बताया कि करनाल का वर्ष 2025 तक का मास्टर प्लान बना हुआ है। भविष्य को देखते इसमें जल्द ही नई चीजें जोड़कर इसे 2041 तक का बनाएंगे, जिसमें कंट्रोल्ड एरिया को घोषित किया जाएगा। कंट्रोल्ड एरिया में किसी भी तरह की डव्ल्पमेंट के लिए परमिशन लेनी अनिवार्य होती है।
रजिस्ट्री के लिए एनओसी लेनी जरूरी
उन्होंने बताया कि कंटोल्ड और अर्बन एरिया में कुछ ऐसे एरिया हैं, जिसमें कोई भी तहसीलदार 7-ए के तहत रजिस्ट्री कर सकता है, लेकिन एक एकड़ से कम जगह के लिए डीटीपी से एनओसी लेनी अनिवार्य है, 7-ए, हरियाणा डव्ल्पमेंट एंड रेगूलेशन आॅफ अर्बन एरिया एक्ट-1975 में आता है। आरडब्ल्यूए के साथ की जा रही नियमित बैठकें- उन्होंने बताया कि आरडब्ल्यूए.और लाईसेंसियों की ओर से कुछ कॉलोनियों में डव्ल्पर्स द्वारा सुविधाएं न देने को लेकर जिला प्रशासन को शिकायतें मिलती रहती हैं। इन्हें दूर करने के लिए डीटीपी कार्यालय, आरडब्ल्यूए के साथ नियमित तौर पर बैठकें कर रहे हैं।
डीटीपी ने पर्याप्त पुलिस सहायता की उठाई मांग
मीटिंग में डीटीपी ने एडीसी के समक्ष अवैध निर्माण की तोड़-फोड़ करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल आवश्यकता की मांग उठाई और कहा कि ऐसी मुहिम में 20 से 25 पुलिस कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है, पुलिस लाईन से मिल जाएं तो अच्छा है। इस पर अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में जो भी डैमोलिशन ड्राईव करनी हों, उसकी एंडवांस सूचना या शैड्यूल एसपी कार्यालय को दे दें, ताकि समय पर उचित पुलिस बल का बंदोबस्त किया जा सके।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, link din , YouTube पर फॉलो करें















