वर्कशॉप कुल 204 पद, केवल 52 पदों पर ही है कर्मचारी कार्यरत
Haryana Roadways News: कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। रोडवेज विभाग की वर्कशॉप में कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की बजाय घटती जा रही है। जिस वजह से वर्कशॉप में काम प्रभावित हो रहा है। एक बार खराब हुई बस को ठीक करने में कई दिन लगते हैं। कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए आईटीआई के ट्रेनी विद्यार्थियों से काम चलाया जा रहा है। नियमित कर्मचारियों की कमी के कारण वर्कशॉप में काफी दिक्कतें आ रही है। Kaithal News
विभाग के अनुसार कैथल डिपो में कुल 204 पद हैं। जिसमें से केवल 52 कर्मचारी ही वर्कशॉप में कार्यरत हैं। जबकि यहां पर अभी भी 152 कर्मचारियों की जरूरत है। इस लिहाज से देखा जाए तो करीब 75 प्रतिशत पद कैथल रोडवेज विभाग में खाली पड़े हैं। वर्कशॉप कर्मचारियों के मुताबिक मैकेनिकों की कमी के चलते शाम को आने वाली बसों की ढंग से जांच तक नहीं हो पाती। कभी टायर पंक्चर, कमानी टूटना सहित कई खामियों के कारण रुटों पर चलने वाली बसें बीच रास्ते में खराब हो जाती हैं। इतना ही नहीं शाम को आने वाली बसों की नियमित जांच के अभाव में बसों की रफ्तार पर असर पड़ता है।
वर्कशॉप में ये पद है खाली | Kaithal News
जिला की रोडवेज वर्कशॉप में मैकेनिक के 46 पद है जिनमे से सिर्फ 4 पद ही भरे है बाकि 42 पद खाली पड़े है, इसके अलावा इलेक्ट्रिसियन की 7, पेंटर, टायरमेन, अपहोल्स्टर की 2, रेडीएटर रिपेयरर की 3, हेड ब्लेक स्मिथ की 4, असिस्टेंट मैकेनिक के 20 का एक, कारपरेंटर की 6, असिस्टेंट वेल्डर के 2, असिस्टेंट टायरमैन के 5, हेल्पर टेक्निकल के 18 व स्टोरमैन का एक पद खाली हैं।
कर्मचारियों की कमी के चलते बस ठीक होने में लगता है ज्यादा समय
वर्कशॉप में बस लेकर पहुंचे एक चालक ने कहा कि वर्कशॉप में टेक्निकल कर्मचारियों की कमी के कारण चालकों को भी काफी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि यदि बस खराब हो जाए तो उसे ठीक होने में 5 से 7 दिन लग जाते हैं। जिस कारण रूटों पर चलने वाली बसें कम होती है और यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसलिए खाली पदों को जल्द भरा जाना चाहिए।
प्रतिदिन 15 से 20 बसें रहती हैं वर्कशॉप में | Kaithal News
विभाग के अनुसार प्रतिदिन 15 से 20 बसें वर्कशॉप में ठीक होने के इंतजार में खड़ी रहती हैं। जिससे बसों के लोकल व बाहर के रूट प्रभावित होते हैं। इस बसों के वर्कशॉप में खड़े रहने के कारण रोडवेज को रोजाना लाखो रुपये का घाटा होता है। यदि कर्मचारी पूरे हों तो बसें हर दो दिन में ठीक हो सकती हैं।
आईटीआई के विद्यार्थियों से चलाया जा रहा है काम
वर्कशॉप में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए आईटीआई के विद्यार्थी अपरेंटिस पर लगा रखे है। इनकी संख्या इस समय 63 है जो दिन और रात अलग अलग शिफ्ट में काम कर रहे है। यदि आईटीआई के प्रशिक्षु विद्यार्थी न हों तो और भी ज्यादा मुश्किलें हो जाती हैं।
जल्द भरे जाएंगे पद
कैथल रोडवेज में वर्कशॉप मैनेजर अनिल ने बताया कि यहाँ खाली पदों को भरने के लिए समय समय पर मुख्यालय को डिमांड भेजी जाती है। मुख्यालय की ओर से जल्द ही खाली पदों को भरने के लिए बोला गया है। आईटीआई विद्यार्थियों को भी लगाया गया है। किसी भी बस के खराब होने पर उसको जल्दी ठीक करने की कोशिश रहती है। वर्कशॉप में खाली पद भरने पर कर्मचारियों की कमी की समस्या का समाधान हो जाएगा। Kaithal News















