बरसात से गिरी बिजली की मांग, सरकारी थर्मल प्लांटों के 5 यूनिट बंद

5600 मैगावाट पर चल रही बिजली की मांग

पटियाला। (सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर) बारिश होने से बिजली की मांग नीचे आ गई है, जिस कारण पॉवरकॉम द्वारा अपने सरकारी थर्मलों के 5 यूनिटों को बंद कर दिया गया है। इधर प्राईवेट थर्मल प्लांटों के सभी यूनिट चल रहे हैं। वैसे पॉवरकॉम के पास कोयले के भंडार अभी भी पूरी क्षमता में नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों राज्य में तेज बारिश व कई जगहों पर ओलावृष्टि हुई थी। बारिश के बाद पंजाब में मौसम में फिर ठंडक पैदा हो गई है। भले ही फरवरी महीने दौरान कुछ दिन गर्मी ने जोर पकड़ लिया था।

यह भी पढ़ें:– पटियाला पुलिस ने ट्रक और ट्रैक्टर चोरी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को किया गिरफ्तार

इस दौरान राज्य में बिजली की मांग भी 8500 मैगावाट को पार कर गई थी। बारिश होने के बाद बिजली की मांग 5600 मैगावाट के आसपास रह गई है। गेहूं की फसल पकने के पास होने के चलते ट्यूबवैलों को बिजली की जरूरत खत्म हो गई है। वहीं अगर पॉवरकॉम के सरकारी थर्मल प्लांटों की बात की जाए तो रोपड़ थर्मल प्लांट का सिर्फ एक यूनिट ही चल रहा है जबकि तीन यूनिट बन्द किए गए हैं। इसके साथ ही लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट के वी 3 यूनिट बन्द पड़े हैं व एक यूनिट ही बिजली उत्पादन कर रहा है। सरकारी थर्मलों पर मौजूदा समय में सिर्फ 330 मैगावाट ही बिजली उत्पादन किया जा रहा है। इसके साथ ही प्राईवेट थर्मल प्लांटों के सभी यूनिट बिजली पैदा कर रहे हैं।

अगर पंजाब के सबसे बड़े थर्मल प्लांट तलवंडी साबों को देखा जाए तो इसके तीन यूनिटों से सबसे अधिक 1660 मैगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। इसके बाद राजपुरा थर्मल प्लांट के दोनों यूनिट चालू हैं व यहां 1326 मैगावाट बिजली पंजाब को आ रही है। गोइन्दवाल साहिब थर्मल प्लांट के दोनों यूनिटों से 300 मैगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है। प्राईवेट थर्मल प्लांटों द्वारा 3280 मैगावाट से ज्यादा बिजली पैदा की जा रही है। हाईड्रल प्रॉजैक्टों से 356 मैगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। आगामी समय गर्मी व धान के सीजन का है व इस दौरान बिजली की मांंग 15500 मैगावाट को पार करने का अनुमान है। पॉवरकॉम के चेयरमैन बलदेव सिंह सरां का कहना है कि गर्मी व धान के प्रबंधों के लिए पॉवरकॉम द्वारा पूरी तैयारी की गई है, जिससे बिजली की कोई कमी पैदा नहीं होगी।

कोयले की स्थिति बहुत अधिक मजबूत नहीं

इधर पॉवरकॉम के थर्मलों में कोयले की स्थिति बहुत अधिक मजबूत नहीं है। लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट में 9 दिन का कोयला बचा है जबकि रोपड़ थर्मल प्लांट के पास 18 दिन का कोयला जमा है। इसके साथ ही गोइन्दवाल साहिब थर्मल प्लांट के पास 6 दिनों का जबकि तलवंडी साबों थर्मल प्लांट के पास 7 दिनों का कोयला बचा है। राजपुरा थर्मल प्लांट के पास सबसे अधिक 27 दिनों का कोयला है। पता चला है कि कोयला इंडिया दवाब बना रहा है कि कोयले के भाव में विस्तार किया जाए। पॉवरकॉम की पिछवाड़ा कोयला माईना से भी प्रतिदिन एवेरज एक ही रैक आ रहा है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here