Uttarakhand Tunnel Latest News: श्रमिकों को बचाने के भरसक प्रयास, इन विकल्पों पर हो रहा काम

Uttarakhand tunnel collapse

नई दिल्ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान रविवार को 15वें दिन भी जारी रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने कहा कि श्रमिकों को बचाने के लिए कई विकल्प तलाशे गए हैं। बता दें कि 12 नवंबर से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए कई विकल्पों में से एक, वर्टिकल ड्रिलिंग, जोकि अभी फिलहाल चल रही है। भारतीय सेना भी इस ऑपरेशन में शामिल हो गई है और उसे मैन्युअल ड्रिलिंग का काम सौंपा गया है। Uttarakhand tunnel collapse

वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए 15 मीटर की ड्रिलिंग की गई: अधिकारी

एक अधिकारी ने बताया कि ढही हुई सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों के लिए ऊपर से निकास मार्ग बनाने के लिए ड्रिलिंग शुरू हो गई है। यह बात क्षैतिज ड्रिलिंग करने वाली एक बरमा मशीन के टूटने के एक दिन बाद एक अधिकारी ने कहा। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने सिल्क्यारा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग शुरू हो गई है और 15 मीटर तक की ड्रिलिंग पहले ही की जा चुकी है।’’ Uttarakhand tunnel collapse

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए छह योजनाएं तैनात की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब तक की सबसे अच्छी योजना क्षैतिज ड्रिलिंग है। हसनैन ने यह भी कहा कि फंसे हुए सभी श्रमिकों को भोजन और दवा मिल रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा और मनो-सामाजिक विशेषज्ञ वहां हैं और अपना काम कर रहे हैं, सभी की सुरक्षा के लिए सभी सावधानियां बरती जा रही हैं। Uttarakhand tunnel collapse

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