हनुमानगढ़। जंक्शन धानमण्डी में धान की सरकारी खरीद रफ्तार पकड़ चुकी है। रोजाना मण्डी में हजारों क्विंटल धान की आवक हो रही है। हालांकि किसानों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि उन्हें उनकी उपज के पूरे दाम नहीं मिल रहे। समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने के कारण किसानों को अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है। गांव रोड़ांवाली निवासी किसान शंकर ने बताया कि वह 1692 किस्म का धान जंक्शन मण्डी में लेकर आया। धान की गुणवत्ता निम्न बताकर करीब 2200 रुपए प्रति क्विंटल में उसकी फसल बिकी। जबकि बाजार में इस किस्म का धान 2800 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहा है। Hanumangarh News
औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही धान की फसल, धक्केशाही का आरोप
इससे बेहतर है कि वह अपनी धान की फसल घर ले जाए और पशुओं को खिला दे। किसान सुभाष वर्मा ने बताया कि वह शुक्रवार की रात्रि 8.30 बजे अपनी धान की फसल लेकर धानमण्डी पहुंचा। शनिवार सुबह 10.30 बजे बोली शुरू हुई। दोपहर करीब 1 बजे उसकी धान की फसल की बोली लगी। उसका 1847 धान 2450 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका। उन्होंने कुछ व्यापारियों पर धक्केशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह अपनी मनमर्जी से दाम लगाकर फसल खरीद रहे हैं। किसान को मजबूरी में अपनी फसल बेचनी पड़ती है। क्योंकि उसके पास समय का अभाव है। उसे जल्द फसल बिक्री करनी होती है।
शाम होते ही व्यापारी अपनी मनमर्जी करते हैं और औने-पौने दाम पर किसान की फसल खरीद लेते हैं। व्यापारी सुभाष चन्द्र सिंगला ने बताया कि बोली सुबह 10.30 बजे से शुरू होकर दोपहर 2 बजे तक चल रही है। रोजाना जितनी कृषि जिन्स धानमंडी में आ रही है वह बिक रही है। परमल धान 1700 रुपए से लेकर 2140 रुपए, 1692 धान 2500 से लेकर 2750 रुपए जबकि 1847 धान 2200 रुपए से 2550 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। गुणवत्ता के आधार पर भाव लगाकर धान की खरीद की जा रही है। हरे दाने वाले व गीले धान का भाव नीचा लगता है। हाथोंहाथ धान का उठाव किया जा रहा है।
क्या बोले सचिव
कृषि उपज मण्डी समिति सचिव ने बताया कि वर्तमान में मण्डी में धान और कपास की आवक हो रही है। पूर्व में कपास की खरीद में हैंडलिंग को लेकर किसानों ने विरोध किया था। लेकिन व्यापारियों व सीसीआई के मध्य जारी गतिरोध दूर होने से वह विवाद सुलझ गया। उसके बाद दस अक्टूबर के आसपास से कपास की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो गई। इसी प्रकार धान की खरीद को लेकर प्रयास है कि सुबह मण्डी में जो धान की फसल आई हुई है वह उसी दिन शाम तक बिक जाए। इसके लिए व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। किसान को जागरूक किया जा रहा है कि अगर किसी प्रकार की कटौती होती है तो मंडी समिति को अवगत करवाया जाए। शिकायत का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। Hanumangarh News















