- बातचीत के बहाने पूज्य गुरु जी हंसाते हैं, रहमत मूसलाधार बरसाते हैं
- पूज्य गुरु जी ने पूछा तूने उत्तर में क्या लिखा –
- शाही बेटी ने जवाब देते हुए कहा मैंने उत्तर में लिखा कि हिरण बर्फी खाता है –
- यदि वह घास फूस खाता है तो वो बर्फी भी खाता है, शाकाहारी है: पूज्य गुरु जी
कुलदीप स्वतंत्र
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां हमेशा अपने शिष्यों का ख्याल रखते हैं। उनके सवालों का जवाब भी देते हैं। उन्हें हंसाते भी हैं। ऐसी ही घटना उस समय हुई जब पूज्य गुरु जी बरनावा आश्रम में शाह सतनाम जी आसरा- आश्रम सरसा में पली-बढ़ी शाही बेटियों के सवालों के जवाब दे रहे थे। एक बेटी ने जब पूज्य गुरु जी को एक घटना के बारे में बताया तो पूज्य गुरुजी और उपस्थित अन्य बेटियां भी जोर- जोर से हंसने लगी। एक बेटी ने जब बताया कि पापा जी आपने बचपन में एक बार ना हिरण को बर्फी खिलाई थी ।
पापा जी अगले दिन मेरे पेपर में एक प्रश्न आ गया मैं थर्ड या फोर्थ क्लास में थी तो मेरे प्रश्न पत्र में एक प्रश्न आ गया कि हिरण क्या खाता है ? तो पापा जी मुझे यह तो याद नहीं था कि क्या खाता है? आपको मैंने बर्फी खिलाते हुए देख लिया और मैं वही लिख आई। पूज्य गुरु जी ने पूछा तूने उत्तर में क्या लिखा? शाही बेटी ने जवाब देते हुए कहा मैंने उत्तर में लिखा कि हिरण बर्फी खाता है । पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि फिर नम्बर हीरो आए होंगे । पूज्य गुरु जी शाही बेटी के जवाब में जोर- जोर से हंसने लगे ।
पापा जी टीचर्स पूछ रहे थे जब रिजल्ट आया था कि तूने उत्तर में ये क्या लिखा है? पूज्य गुरु जी ने कहा कि तूने तो हमें दिखा दिया वो देख लिया की बर्फी ! वैसे टीचरों को तो पता होना चाहिए कि वो खाता है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि यदि वह घास फूस खाता है तो वो बर्फी भी खाता है, शाकाहारी है। तो भाई ये तो आपके टीचर को समझ आनी चाहिए थी। अच्छा नहीं किया आ आपके साथ। इस घटना से पूज्य गुरु जी व अन्य शाही बेटियां भी खूब हंसी।
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