- रक्तस्त्राव, घाव और संक्रमण के खतरों से मिलेगी राहत
- सर्जिकल रोबोट एशियन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज ने की पहल
सच कहूँ/राजेंद्र दहिया
फरीदाबाद। सर्जरी की दुनिया में एशियन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज ने थ्री डी एडवांस्ड मिनिमल एक्सेस सर्जिकल रोबोट के साथ नए युग की शुरूआत की है। मेडिकल साइंस की दुनिया में रोबोटिक सर्जरी के जरिए एशियन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एआईएमएस) फरीदाबाद ने सर्जरी को आसान और बेहतर बनाने का प्रयास किया है।
रोबोटिक सर्जरी को लांच करते हुए एशियन हास्पिटल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. एनके पांडेय ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी के दौरान कम रक्तस्त्राव, घाव और संक्रमण कम होने के साथ ही जटिलताओं में भी कमी आएगी। समय के साथ सटीक सर्जरी करने में भी सर्जन को मदद मिलेगी।
सर्जरी के बाद रोगी को कम से कम समय तक अस्पताल में रहना होगा। सर्जिकल रोबोट के साथ सर्जरी के नए युग की शुरूआत कैंसर के साथ ही अन्य सर्जरी में बेहतर परिणाम देगी और रोगियों को भी पारंपरिक सर्जरी के जोखिम से काफी राहत मिलेगी। एआईएमएस फरीदाबाद ने मरीजों की बेहतर देखभाल और नई सदी की उन्नत तकनीक को अपनाते हुए इस रोबोटिक सर्जरी को लागू किया है। रोबोटिक सर्जरी को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे कि बेहतर थ्री डी विजुअलाइजेशन के साथ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीनों के इस्तेमाल से सर्जन को बेहतर, सुरक्षित और सटीक सर्जरी करने में मदद मिलेगी।
सर्जन की गलतियों में आएगी कमी
डॉ. पांडेय ने बताया कि वर्सियस सर्जिकल रोबोट सर्जन की गलतियों को कम करने के साथ ही उनके कौशल में बढ़ावा करेगा। इस सर्जरी में रोगी को कम दर्द होगा और सर्जरी के दौरान होने वाले जोखिम में भी कमी आएगी। रोबोटिक सर्जरी कैंसर, वजन कम करने और प्रत्यारोपण सर्जरी में बेहतर परिणाम देती है। उन्नत सर्जिकल रोबोट न्यूनतम इनवेसिव है और सटीक थ्री डी विजुअलाइजेशन देता है। रोबोटिक तकनीक का लक्ष्य है कि सर्जरी की प्रक्रिया में सटीकता आए और संक्रमण की आशंका कम हो। डॉ. पांडेय ने रोबोटिक सर्जरी की खासियत के बारे में बताते हुए कहा कि यह सर्जरी के दौरान प्रभावित अंग के आपरेशन के दौरान मरीज के अंगों के ऊत्तकों की सुरक्षा के साथ-साथ स्वस्थ ऊत्तकों को भी संरक्षित करता है।
शरीर पर रहते हैं हल्के निशान
रोबोटिक सर्जरी के दौरान मरीज के शरीर पर आपरेशन के हल्के निशान, दर्द में कमी के साथ ही कम समय तक अस्पताल में रहना होगा। संक्रमण की दर कम होने के कारण मरीज को स्वस्थ होने में भी कम समय लगेगा। रोबोटिक सर्जरी में छोटा चीरा लगने के कारण मरीज जल्द से जल्द अपनी दैनिक जीवनचर्या में लौट सकेंगे। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में संक्रमण का जोखिम कम होता है।
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