सरकार ने पशुओं के हमले व हादसों के पीड़ितों को मुआवजा देने की नई पॉलिसी की जारी
- पशुओं के हमले के बाद परिवार को सबूतों सहित साबित करना होगा ‘मौत का कारण’
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Chandigarh News: बेसहारा पशुओं के कारण हुए हादसे में अगर मौत होती है तो मृतक के परिवार को पांच लाख रूपये मुआवजे के तौर पर मिलेंगे। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब सरकार ने बेसहारा पशुओं के कारण होने वाले हादसों और मौतों के लिए मुआवजा जारी करने वाली नई पॉलिसी को जारी की है। बेसहारा पशुओं के हमले से अगर मौत हो गई है तो परिवार को सबूतों सहित यह साबित करना होगा कि मौत का कारण सिर्फ बेसहारा पशु का हमला ही है। अगर अधिकारी सबूतों से संतुष्ट नहीं हुए तो मुआवजा नहीं मिलेगा। यहां खास बात यह भी है कि अगर कोई बेसहारा पशु के हमले से बच जाता है और उसे शारीरिक रूप में 70 फीसदी से कम नुक्सान हुआ है तो मुआवजा तो दूर पीड़ित व्यक्ति को दवाई के लिए पैसा नहीं मिलेगा और सारा खर्च अपनी जेब से ही करना होगा। Chandigarh News
पंजाब सरकार द्वारा वीरवार को जारी की गई इस नई पॉलिसी के अनुसार बेसहारा पशु के हमले से मौत होने की स्थिति में 5 लाख रुपए व स्थाई अपंगता के मामले में 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। कुत्ते के काटने के मामलों में प्रति काटने के निशान पर 10 हजार और खींचे जाने वाले मास के प्रति 0.2 सैंटीमीटर के लिए 20 हजार की दर से सहायता प्रदान की जाएगी। हालांकि, इस मुआवजा राशि को हासिल करने के लिए पीड़ित को यह साबित करना होगा कि घटना असल में किसी बेसहारा या जंगली जानवर के कारण हुई थी। पीड़ित के अपने बयान या परिवार की गवाही को सबूत नहीं माना जाएगा।
सरकार द्वारा नई पॉलिसी के अनुसार जिला स्तर पर कमेटी बनाई जाएगी व यह कमेटी घटना की जांच करेगी और अगर जरूरी हुआ तो मौके का निरीक्षण, गवाहों के बयान व दस्तावेजों की जांच करेगी। कमेटी यह भी जांच करेगी कि क्या पीड़ित के पास ड्राईविंग लाईसैंस था, क्या उसने दो पहिया वाहन चलाते समय हैलमट पहना हुआ था और क्या वह घटना के समय नशे में तो नहीं था। ऐसे मामलों में अगर पीड़ित द्वारा कोई लापरवाही पाई जाती है तो वह मुआवजे का हकदार नहीं होगा। नई पॉलिसी यह भी स्पष्ट करती है कि हादसे या मौत को साबित करने वाले दस्तावेज सिर्फ तब ही माने जाएंगे अगर वह यह भी दर्शाते हों कि कोई बेसहारा जानवर ही मुख्य रूप में घटना का कारण था।
सरकार नहीं पंचायतें व नगर काऊंसिलें देंगी मुआवजा | Chandigarh News
बेसहारा पशुओं की मार के बाद पीड़ित को मिलने वाली राशि को पंजाब सरकार द्वारा नहीं दिया जाएगा, बल्कि इस मुआवजे को घटना वाली जगह अनुसार संबंधित अथॉरिटी से दिलाया जाएगा। अगर घटना शहरी क्षेत्र में हुई है तो जांच मुकम्मल होने के बाद संबंधित नगर काऊंसिल या नगर निगम को मुआवजा देना होगा और अगर घटना ग्रामीण क्षेत्र में होती है तो संबंधित गांव की पंचायत को मुआवजा देना होगा।
यह भी पढ़ें:– पुलिस ने की लोगों की जेब काटकर चोरी करने वाली 7 अंतर्राज्यीय महिला चोर गिरफ्तार















