मध्यप्रदेश में बाढ़, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने फिर ली जानकारी

Flood in MP

भोपाल (एजेंसी)। मध्यप्रदेश के बाढ़ प्रभावित शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड, मुरैना, ग्वालियर और गुना जिलों में बाढ़ की स्थिति पर राज्य सरकार लगातार निगाह रखे हुए है और राहत एवं बचाव कार्य आज चौथे दिन भी जारी हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर चर्चा कर बाढ़ के ताजा हालातों की जानकारी ली। मोदी ने आश्वस्त किया है कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार राज्य के साथ है।

चौहान ने प्रधानमंत्री को बाढ़ के वर्तमान हालातों के अलावा रेस्क्यू आॅपरेशन और राहत कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, फसल, बिजली आपूर्ति और टेलीकॉम नेटवर्क को खासा नुक्सान हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग के लिए मोदी को धन्यवाद भी दिया। शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश में नुकसान के आकलन के लिए केंद्र सरकार टीम भेजेगा।

राज्य में बाढ़ से भारी तबाही

इस बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसे हुए नागरिकों को निकालने का क्रम बरकरार है। आज सुबह शिवपुरी और भिंड जिले में हेलीकॉप्टर की मदद से एक सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया। चौहान ने आज सुबह ग्वालियर और चंबल संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर चर्चा कर ताजा हालातों की जानकारी ली।

चौहान ने कल देर रात दिल्ली की यात्रा से लौटने के तत्काल बाद देर रात 11 बजे अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक बुलायी। बैठक में चौहान ने कहा कि राज्य में बाढ़ से भारी तबाही हुयी है। पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति नहीं बनी। श्योपुर शहर में 20 20 फीट पानी है। रतनगढ़ वाली माता का पुल और सनकुआ पुल के ऊपर पानी जा रहा है। बड़ी संख्या में घर गिरे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन और सामाजिक संगठनों को मिलकर राहत कार्यों में जुटना चाहिए

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

चौहान ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अलावा राहत शिविरों में भी भोजन और स्वच्छ जल मुहैया कराया जाए। मकानों की मरम्मत, बिजली बहाल, सड़क मार्गों को दुरुस्त करने का कार्य भी शीघ्रता से प्रारंभ करना चाहिए। संचार सुविधाएं भी बहाल हों। उन्होंने इन सभी कार्यों को युद्धस्तर पर करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत राशि प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाए। आवास, फसल और पशुओं की हानिक के संबंध में भी सर्वेक्षण कराया जाए। इन जिलों से मिली जानकारी के अनुसार बारिश में कमी आई है, लेकिन बांध आदि से पानी छोड़े जाने और नदियां लबालब होने के कारण अब भी बाढ़ के हालात हैं। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।

 

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