Foreign Trade Policy 2023:- नयी ‘विदेश व्यापार नीति’ घोषित, जानें इससे व्यापार को कैसे मिलेगा लाभ

रुपये में व्यापार को प्रोत्साहन, ‘एमनेस्टी स्कीम’ की घोषणा

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। माल और सेवाओं का निर्यात 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचाने तथा रुपये में वैश्विक व्यापार को (Foreign Trade Policy 2023) प्रोत्साहित करने जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्यों तथा वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं के दौर में नीतिगत निश्चितता, स्थिरता तथा लचीलेपन के रणनीतिक उद्देश्यों के साथ सरकार ने शुक्रवार को ‘आजादी के अमृतकाल’ की पहली ‘विदेश व्यापर नीति’ (एफटीपी) पेश की। परंपरा से हट कर नयी एफटीपी-2023 में कोई सनसेट उपबंधह्ण(पटाक्षेप की तिथि) नहीं रखी गयी है। विदेश व्यापार नीति 2023 पिछली 2015-20 नीति का स्थान लेगी। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक चुनौतियों के कारण विदेश व्यापार महा निदेशालय के लिए नयी नीति तैयार करने में विलम्ब हुआ था।

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निर्यात को प्रोत्साहित करने के विशेष प्रावधान

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा यहां निर्यात जगत के आमंत्रित प्रतिनिधियों के बीच घोषित नीति में जिलों को निर्यात के केंद्र के रूप में विकसित करने, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में रुपये के प्रयोग को बढ़ावा देने, विगत में प्रोत्साहन योजनाओं के अनुरूप निर्यात लक्ष्य पूरा करने में विफल रहे निर्यातकों के लिए एकबारगी एमनेस्टी स्कीम (अभयदान योजना), भारतीय निर्यातकों को तीसरे देश के जरिए प्रतिबंधित वस्तुओं तक के निर्यात की छूट देने तथा ई-कामर्श के जरिए निर्यात को प्रोत्साहित करने के विशेष प्रावधान किए गए हैं।

विदेशी बाजारों में चुनौतियों के बावजूद…

वाणिज्य सचिव सुनील बरथवाल ने कहा, ‘हमने इस बार से एफटीपी पर ‘समयावधि की सीमा हटा दी है। एफटीपी-2023 पर कोई सन-सेट क्लाज (पटाक्षेपण-उपबंध) नहीं लगा है। हाल ही के अनुभवों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है क्योंकी अनिश्चितताओं के दौर में नीति में निरंतर सुधार की जरूरत का महत्व बढ़ता जा रहा है। एफटीपी-2023 जारी करते हुए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने 2030 तक वार्षिक एक लाख करोड़ डॉलर के माल और एक लाख करोड़ डॉलर के सेवा निर्यात (कुल दो लाख करोड़ डॉलर सालाना निर्यात) का लक्ष्य रखा है। पिछले दो साल में विदेशी बाजारों में चुनौतियों के बावजूद भारत के निर्यात क्षेत्र के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘ जिस तेज गति से हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं उससे ये आत्मविश्वास पैदा हुआ है कि आगे के लक्ष्यों को भी हम सभी मिलकर अपने कड़े परिश्रम से प्राप्त कर लेंगे।

उन्होंने आज समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में भारत का कुल निर्यात (माल और सेवा निर्यात सहित) 770 अरब डॉलर तक रहने का अनुमान लगाया। पिछले वित्त वर्ष में देश का कुल निर्यात 676 अरब डॉलर के स्तर पर था,जो एक रिकॉर्ड है। वर्ष 2019 तक कुल अधिकतम निर्यात अधिकतम 535 अरब डालर के आस पास के दायरे में रहने का उल्लेख करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत के उद्योग और निर्यात क्षेत्रों ने यह दिखा दिया है कि ह्यहमने ठान लिया, तो हम किसी भी लक्ष्य को पूरा करने की क्षमता रखते हैं।

आप आज से ही शुरू करें

गोयल ने निर्यातकों को सरकार की उदार नीतियों का फायदा उठाते हुए, दृढ़ निश्चय के साथ वैश्विक चुनौतियों का सामना करने का पहले दिन से प्रयास शुरू करने का आह्वाहन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन याद दिलाया, ‘यही समय है सही समय है। उन्होंने पिछले 19 महीने के दौरान वैश्विक संकटों के बावजूद भारत के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि का उदाहरण देते हुए उद्योग जगत से कहा, ‘आप आज से ही शुरू करें, मुझे पूरा विश्वास है कि 2030 तक हम एक लाख करोड़ डॉलर के माल और एक लाख करोड़ डॉलर के सेवा का निर्यात लक्ष्य हासिल कर लेंगे।

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