एसवाईएल- पंजाब के साथ नाइंसाफी हुई, गांधी परिवार इसके लिए जिम्मेदार- प्रकाश सिंह बादल

Kushiyara River

– 16 नवंबर को पंजाब सरकार ने बुलाया विशेष विधानसभा सत्र
– ‘पानी बचाओ, पंजाब बचाओ’ 8 दिसंबर को मोगा में अकाली दल की महारैली
– पंजाब सरकार का कोई मंत्री नहीं देगा इस्तीफा, कांग्रेस के नेताओं इस्तीफे केवल एक चाल-बादल

Chandigarh (Anil Kakkar). सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसवाईएल पर पंजाब के खिलाफ दिए गए फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि हमारे लिए सबसे पहली प्राथमिकता पानी है अगर पानी नहीं होगा तो पंजाब भूखा मर जाएगा। इसलिए जो भी कारण हों हम पंजाब का पानी बाहर नहीं जाने देंगे। पहले भी नहीं जाने दिया अब भी नहीं जाने देंगे। पंजाब कैबिनेट की मीटिंग मे एसवाईएल पर आए इस फैसले का विरोध जताया गया तथा 16 नवंबर को पंजाब विधान का विशेष सत्र बुला लिया गया है। इसी के साथ 8 दिसंबर को मोगा में ‘पानी बचाओ, पंजाब बचाओ’ की महारैली अकाली दल ने प्रस्तावित कर दी है।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बादल ने इस मामले में कांग्रेस के कैप्टन अमेरिंद्र सिंह को पंजाब की जनता का दोषी बताते हुए कहा कि कांगे्रस की नाकामी के कारण आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के पक्ष में गया है। पंजाब में से पानी लेने का फैसला इंदिरा गांधी ने किया था और कैप्टन अमरेंद्र सिंह उनके साथ थे आज वे अकाली दल पर सवाल उठा रहे हैं जबकि कांग्रेस इस मामले में पूरी तरह दोषी है जबकि अकाली दल ने शुरू से ही हरियाणा को पानी देने के मसले पर जनता का साथ देते हुए इसका विरोध किया है।

बादल ने कहा कि जो लीगल स्टैप हैं वो हम लीगल एडवाइजर से सलाह कर रहे हैं और उस पर आगे बढ़ेंगे। हम पानी नहीं जाने देंगे चाहे जो करना पड़े। मैं पंजाब के लोगों को आश्वस्त करता हूँ कि अगर पंजाब का पानी बचा सकती है वह अकाली दल और भाजपा है ही है। चुनाव में फायदा लेने के लिए यह लड़ाई नहीं लड़ी है यह पंजाब और देश के हक़ के लिए लड़े हैं। हम लोगों के मसलों के लिए लड़ाई लड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें किसी से दुश्मनी नहीं है लेकिन यह पानी हमारी लाइफलाइन है हम इसके बिना जीवित नहीं है। हमारे कुएं सूख रहे हैं, दरियाओं में पानी नहीं है, पंजाब को बचाने के लिए इस पानी की बहुत आवश्यकता है। एसवाईएल के नाम पर एक भी बूंद पानी या निर्माण कार्य शुरू नहीं होने दिया जाएगा।

कैप्टन अमरेंद्र और कांग्रेस के विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफों पर बादल ने कहा कि कैप्टन और उनके मैंबरों का इस्तीफा सिर्फ ड्रामा है। अगर वे पानी रोकने में समक्ष थे तो यहां तक मामला कैसे पहुंच गया। उन्होंने कभी पानी जाने से रोका नहीं। अगर वे इतने ही संजीदा है इस मामले को लेकर वे ऐलान करें कि वे अगला इलेक्शन नहीं लड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का कोई भी मंत्री नहीं देगा इस्तीफा, कांग्रेस के इस्तीफे केवल एक चाल है। कैप्टन अमरेंद्र ने सिर्फ विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लोकसभा से इस्तीफा दिया है। हरियाणा हमारा भाई है लेकिन पंजाब के लोगों की रक्षा हमारा पहला फर्ज है।
वहीं कैबिनेट में भाजपा के मंत्रियों ने कहा कि बीजेपी इस मसले पर पूरी तरह अकाली दल के साथ है।

बादल ने आश्वासन दिया कि प्रदेश में प्रदर्शन नहीं होंगे। जबकि वे तीन स्टैप्स लेंगे जिसमें पहला स्टैप राष्टÑपति के कैबिनेट जाकर उन्हें इस फैसले का विरोध जताएगा, तथा इसे वापिस लेने की अपील करेगा। इसके बाद विधान सभा सैशन करेंगे तथा आखिरी स्टैप ‘पानी बचाओ पंजाब बचाओ’ महारैली जो कि मोगा में 8 दिसंबर को की जाएगी वहां लोगों के बीच इस मुद्दे को ले कर जाया जाएगा।

बादल ने साफ शब्दों में कहा कि पंजाब में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वे अपने हक के लिए लोकतांत्रिक तरीके से शांतिमय लड़ाई लड़ेंगे।