पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचनों से लोगों में बढ़ेगी गौसेवा की भावना

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गौशाला पदाधिकारियों ने डेरा सच्चा सौदा के प्रयास को सराहा

ओढां / सरसा (सच कहूँ / राजू)।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की गऊ की देखरेख करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। पूज्य गुरु जी ने शनिवार को ये अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की। पूज्य गुरु जी ने शुक्रवार रात्रि बरनावा से आॅनलाइन रूहानी मजलिस में गायों की संभाल के लिए राम राज्य जैसा माहौल के वचन किए। साथ ही आपजी ने फरमाया कि गाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि गऊ का दूध सर्वोत्तम है। गौ मूत्र व गोबर को मिट्टी के साथ मिलाकर पोंछा करने से बीमारियां नहीं आती। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि गौ मूत्र में एंटी बैक्टिरिया तत्व होते हैं। गऊ के ऊपर हाथ फेरने से पॉजिटिव एनर्जी आती है।

पूज्य गुरु जी द्वारा गऊओं की संभाल के लिए फरमाए गए वचनों की गौशाला पदाधिकारियों ने सराहना करते हुए कहा कि इससे लोगों में गौसेवा की भावना को और गति मिलेगी।मैंने गौवंश पर गुरु जी द्वारा फरमाए गए वचन सच-कहूँ अखबार में पढ़े। पढ़कर बहुत अच्छा लगा। मैं पूरे संघ की ओर से गुरु जी का धन्यवाद करता हूँ। गऊ हमारी संस्कृति व माँ है, हमारा प्रयास यही है कि हर गाँव में गौशाला हो और गौवंश बेसहारा न घूमे। मुझे याद है कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने गांव ओढां की गौशाला के निर्माण कार्य मेंं बढ़-चढ़कर सेवा की थी। इसके अलावा भी विभिन्न गौशालाओं तथा गऊओं की सार-संभाल में डेरा अनुयायियों का सराहनीय सहयोग रहता है।

योगेश बिश्नोई, जिलाध्यक्ष (गोवंश-गोशाला सेवा संघ)।

गऊ को माँ का दर्जा दिया गया है। इसलिए हमारा ये कर्तव्य बनता है कि हम गऊ की संभाल जरूर करें। हर गाँव में गौशाला हो तो गौवंश सड़कों पर बेसहारा नहीं घूमेगा। पूज्य गुरु जी द्वारा गौवंश के रखरखाव एवं गौसेवा के लिए फरमाए गए वचन अत्यंत सराहनीय है। इससे गौसेवा की भावना को और बल मिलेगा। मैं इसके लिए पूज्य गुरु जी का आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने गौवंश के रखरखाव के वचन फरमाए।

जगतपाल सहारण, प्रदेश उपाध्यक्ष (गौशाला संघ)

वेदों शास्त्रों में गऊ माता का हर जगह उल्लेख आता है। पूज्य गुरु जी ने गौवंश की संभाल के लिए जो वचन किए हैं उससे लोगों में गौसेवा की भावना में और बढ़ोतरी होगी। डेरा सच्चा सौदा द्वारा गौवंश के हित में जो कदम उठाए जा रहे हैं वो अति सराहनीय हैं। मैं लोगों से आह्वान करता हूँ कि इससे पे्ररणा लेते हुए कुछ समय गौसेवा के लिए अवश्य निकालें।

रामपाल भाखर, प्रधान (श्री कृष्ण प्रणामी गौशाला, रत्ताखेड़ा-राजपुरा)।

भारतीय संस्कृति में गऊ को माँ का दर्जा दिया गया है। हम सभी का ये फर्ज बनता है कि हम समय में से समय निकालकर गौसेवा अवश्य करें। गांव नुहियांवाली की गौशाला में करीब 700 के करीब गौवंश है। इनके रखरखाव में ग्रामीणों के अलावा डेरा प्रेमियों का भी सराहनीय सहयोग रहता है। गुरु जी ने जो गौवंश के रखरखाव एवं उनकी संभाल के लिए बातें कहीं हैं वो अति सराहनीय हैं। डेरा सच्चा सौदा द्वारा मानवता के हित में जो सैकड़ों कार्य चलाए जा रहे हैं, जिनकी मैं मुक्त कंठ से प्रशंसा करता हूँ।

महेंद्र निमीवाल, प्रधान (श्री राम भगत हनुमान गौशाला, नुहियांवाली)।

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