10,000 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की जगह मक्की की खेती करवाने का लक्ष्य
Maize cultivation: संगरुर (सच कहूँ/नरेश कुमार)। राज्य में खेती में विविधता को प्रोत्साहित करने, भूजल के संरक्षण और किसानों को आर्थिक रुप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे धान की जगह मक्की की खेती करें। सरकार ने इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया है, जिसके तहत पंजाब के 6 जिलों (संगरुर, बठिंडा, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला) में कुल 10,000 हेक्टेयर में किसानों को मक्की की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके बदले में किसानों को प्रति हेक्टेयर 17,500 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी और मक्की को 2,400 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाएगा। Punjab News
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने की अनुमति दिए जाने के बाद एथेनॉल की मांग तेजी से बढ़ी है। मक्की से एथेनॉल प्राप्त किया जा सकता है, जिससे इसकी मांग में भारी इजाफा हुआ है। इस मांग को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक किसानों को मक्की की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे राज्य में जहां खेती में विविधता आएगी, वहीं भूजल संरक्षण और किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत संगरुर और गुरदासपुर में 2,000-2,000 हेक्टेयर, जबकि पठानकोट, जालंधर, बठिंडा और कपूरथला में 1,500-1,500 हेक्टेयर खेतों में, जहाँ पहले धान की खेती होती थी, अब मक्की की बुवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, पंजाब के अन्य क्षेत्रों और जिलों में सीडीपी/आरकेवीवाई योजनाओं के तहत 35,000 हेक्टेयर में प्रदर्शन परियोजनाएं चलाई जाएंगी और किसानों को प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपए की दर से बीज, उर्वरक, दवाइयों आदि के लिए सहायता दी जाएगी। Punjab News
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