Health Facilities : फ्री हो स्वास्थ्य सुविधाएं

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केंद्र सरकार ने हृदय, लीवर और मधुमेह से जुड़ी 41 दवाएं सस्ती करने का फैसला किया है। दवा मूल्य निर्धारण करने वाली एजेंसी नेशनल ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी ने अपनी 123वीं बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। दरअसल, आजकल यह रोग दुर्लभ नहीं रहे और 30 करोड़ से अधिक लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं। लेकिन यह भी एक तथ्य है कि कई करोड़ से अधिक लोग इन बीमारियों के साथ जी रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं जिन्हें स्वास्थ्य जांच करवाने पर अपने रोग का पता चलता है। भले ही सरकार ने जनता के हित में यह फैसला लिया है, लेकिन आज की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यकता है कि देश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं (Health Facilities) फ्री में उपलब्ध करवाई जाएं।

इससे लोगों पर प्राइवेट कंपनियों के महंगे हेल्थ इंश्योरेंस के खर्च का बोझ भी घटेगा। कैंसर, हृदय, किडनी और लीवर की बीमारियों का तत्काल उपचार करवाना अति आवश्यक हो गया है। ऐसी भयानक बीमारियों के भारी भरकम खर्च के सामने सरकारी बीमा योजनाएं भी छोटी पड़ जाती हैं। बढ़ते प्रदूषण और कुछ अन्य कारणों से बीमारियां बड़े पैमाने पर बढ़ रही हैं। हार्ट में स्टंट, लीवर ट्रांसप्लांट और घुटनों का प्रत्यारोपण आजकल आम बात हो गई है। लीवर ट्रांसप्लांट करवाने का खर्च 20 लाख से भी अधिक तक पहुंच जाता है। इसी तरह गुर्दे बदलने पर भी 10 लाख के करीब खर्च आता है। यूं भी भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की चार प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और तीसरी बनने को तैयार है, इसलिए ऐसे देश में सभी नागरिकों तक निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचना जरूरी है।