चिकित्सकों के टोटे से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग

Hospital Closed

चिंताजनक। सिविल अस्पताल से लेकर सीएचसी व पीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

  • फार्मासिस्ट व डेंटज सर्जन से चलाया जा रहा कार्य

चरखी दादरी (सच कहूँ न्यूज)। स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में चरखी दादरी जिला बनने के बावजूद अभी बहुत पीछे है। प्रदेश के 22वें जिले में सरकार अब तक चिकित्सकों का टोटा दूर नहीं कर पाई है। हालांकि प्रदेश के अन्य जिलों में भी चिकित्सकों की कमी है, लेकिन चरखी दादरी का हाल और भी बुरा है। नियमानुसार जिले को 94 चिकित्सकों की जरूरत है, लेकिन इस समय महज 32 ही नियुक्त हैं। सबसे बुरा हाल जिला सिविल अस्पताल का है। जहां 42 चिकित्सकों की पोस्ट हैं, लेकिन महज 4 चिकित्सक ही हैं। सर्जन से लेकर कई स्पेशलिस्ट नहीं होने से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में महंगा उपचार लेना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों ने चिकित्सकों की तैनाती की डिमांड कई दफा भेजी है, लेकिन अब तक सरकार ने जिले में चिकित्सकों की तैनाती नहीं की है।

ज्यादातर मरीज किए जा रहे रेफर

  • जिले में छह एसएमओ व 53 डेंटल सर्जन के पद तक खाली पड़े हैं।
  • सीएचसी और पीएचसी में चिकित्सकों की कमी के चलते फार्मासिस्ट या डेंटज सर्जन से ही काम चलाया जा रहा है।

ज्यादातर मरीजों को सीएचसी या पीएचसी से पहले सिविल अस्पताल और फिर वहां से पीजीआई रोहतक या भिवानी जीएच रेफर कर दिया जाता है। जिला के 100 बैड के सिविल अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा होने का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल में 42 डाक्टरों की पोस्ट हैं, लेकिन यहां अब सिर्फ 7 चिकित्सक ही हैं। जिनमें से तीन चिकित्सक अनुपस्थित चल रहे हैं।

तीन चिकित्सकों का हुआ तबादला

सरकार द्वारा तीन चिकित्सकों के तबादले दूसरे जिलों में करने के बाद तो यहां स्वास्थ्य व्यवस्था चरमर्रा गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग के अधीन तीन सीएचसी और 14 पीएचसी हैं। इन सभी पर भी चिकित्सकों की कमी है। कादमा, गोपी, रानीला, मानकावास व माई खुर्द पीएचसी पर तो स्थाई चिकित्सक ही नहीं है। वहीं अधिकांश सीएचसी व पीएचसी में चिकित्सकों की कमी के चलते डेंटल सर्जन या फार्मासिस्ट से काम चलाया जा रहा है।

बैड बढ़ाए, डॉक्टर नहीं

  • चरखी दादरी सिविल अस्पताल को 50 की बजाय 100 बेड का किया जा चुका है ।
  • लेकिन इसके मुताबिक चिकित्सकों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है।
  • नियमानुसार सिविल अस्पताल में 42 चिकित्सकों और तीन एसएमओ की तैनाती होनी चाहिए।
  • लेकिन इस समय चार चिकित्सक और एक एसएमओ की नियुक्त है।
  • 35 चिकित्सकों के और दो पद एसएमओ के खाली पड़े हैं।
  • इसके अलावा ईएनटी, आई, स्कीन, आॅर्थो, सर्जन व बालरोग के डाक्टर की तैनाती नहीं हुई है।

सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव ने बताया कि चिकित्सकों की डिमांड सरकार तक भेज चुके हैं, लेकिन अभी नियुक्तियां नहीं हुई हैं। जिले में जितने चिकित्सक हैं, उनकी सेवाएं मरीजों को नियमित मिल रही हैं। जल्द ही चिकित्सकों की तैनाती हो जाएगी और फिर पीएचसी और सीएचसी भी चिकित्सकों की कमी को हम दूर कर देंगे।

क्या कहते हैं विधायक

दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि यहां के सामान्य सरकारी अस्पताल के अलावा जिलेभर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की नियुक्तियों को लेकर वे शीघ्र ही प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मिलेंगे। अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

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