सरदूलगढ़ : मेला सिंह इन्सां बने गांव फतेहपुर के पहले शरीरदानी

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साध-संगत ने ‘मेला सिंह अमर रहे’ के नारों के साथ दी अंतिम विदाई | Body Donate

  • जीते-जी किया हुआ था मरणोंपरांत शरीरदान व नेत्रदान करने का प्रण

सरदूलगढ़(गुरजीत सिंह )। डेरा सच्चा सौदा की पवित्र शिक्षाओं पर चलते ब्लॉक झुनीर के गांव फतेहपुर के मेला सिंह इन्सां पुत्र जंगीर सिंह ने गांव के पहले (Body Donate) शरीरदानी होने का गौरव हासिल किया है। मेला सिंह इन्सां ने जीते-जी प्रण किया हुआ था कि उसके मरणोंपरांत उसका संस्कार करने की बजाय मृत देह को मैडीकल रिसर्च के लिए दान किया जाए, जिसके प्रण को अब उसकी मौत बाद में पारिवारिक सदस्यों ने पूरा कर दिया। प्राप्त जानकारी अनुसार मेला सिंह इन्सां (65) पुत्र जंगीर सिंह का गतदिवस सुबह देहांत हो गया था। उनके देहांत बाद में उनकी पत्नी जोगिन्द्र कौर, बेटों गुरविन्दर इन्सां, बलजिन्दर इन्सां, सुखविन्दर इन्सां, बेटी करमजीत कौर इन्सां ने उनके प्रण को पूरा करते मृत देह को मैडीकल रिसर्च के लिए दान कर दिया।

पुत्रवधूएं व बेटी करमजीत कौर ने दिया अर्थी को कंधा | Body Donate

शरीरदानी मेला सिंह इन्सां की अर्थी को उन की पुत्रवधूएं व बेटी करमजीत कौर ने कंधा दिया। फूलों के साथ सजी एंम्बुलैंस द्वारा मेला सिंह इन्सां के पार्थिव शरीर को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के नेतृत्व में सिविल अस्पताल सरदूलगढ़ से पहुंचे मैडीकल अधिकारी डॉ. कमलजीत शर्मा और गांव की सरपंच परमजीत कौर ने आदेश मैडीकल इंस्टीच्यूट आॅफ कॉलेज भुच्चो मंडी (बठिंडा) के लिए रवाना किया। गांव फतेहपुर में मेला सिंह इन्सां के पहले शरीरदानी बनने पर पूरे गाँव की पंचायत, नगर निवासियों ने भरपूर प्रशंसा की। पार्थिव शरीर वाली एंबुलेंस को घर से गांव की गलियों के द्वारा लेजाते समय ‘मेला सिंह इन्सांअमर रहे’ के नारे लगाए गए।

इस मौके ब्लॉक भंगीदास सेवक इन्सां, 25 मैंबर राधे शाम इन्सां, सरबजीत इन्सां, हरपाल इन्सां, लाभ इन्सां, दर्शन इन्सां, हरबंस इन्सां, करनैल इन्सां, बलविन्दर इन्सां, केवल इन्सां, गांव के भंगीदास जनक इन्सां के अलावा पूर्व सरपंच मनिन्दरजीत सिंह चहल, नंबरदार गोबिन्द सिंह के अलावा नगर निवासी और क्षेत्र के गणमान्यजन उपस्थित थे।

मैडीकल के विद्यार्थियों के ज्ञान में होता है विस्तार : डॉ. कमलजीत शर्मा

सिविल अस्पताल सरदूलगढ़ से पहुंचे डॉ. कमलजीत शर्मा ने कहा कि हमें आज विज्ञान युग में शरीरदान, नेत्रदान व रक्तदान से जागरूक हो कर आगे आना चाहिए। ऐसे शरीरदान करने से मैडीकल की शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों का जहां ज्ञान में विस्तार होता है वहीं फैल रही भयानक बीमारियों संबंधी भी हमें जानकारी मिलती है।

मरणोंपरांत शरीरदान करना प्रशंसनीय प्रयास : सरपंच | Body Donate

गांव की सरपंच परमजीत कौर ने कहा कि मेला सिंह इन्सां ने जहां अपने जीते-जी मानवता की भलाई के लिए समाज की सेवा की है, वहीं मरणोपरांत शरीरदान करने की जो पहल की है, उसकी नगर पंचायत दिल से प्रशंसा करती है। उन्होंने कहा कि वह गांव की सरपंच होने के नाते एक शरीरदानी को विदाई देने समय गर्व भी महसूस करती है।

 

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