पूज्य गुरु जी ने शुरू करवाया एक और मानवता भलाई कार्य, जल्द पढ़ें…

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MSG Bhandra: पूज्य गुरु जी ने शुरू करवाया एक और मानवता भलाई कार्य, जल्द पढ़ें...

सरसा। 163 Humanitarian Welfare Works: रूहानियत की खुशबू बिखेर रहे सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा का 76वां रूहानी स्थापना दिवस एमएसजी शुभ भंडारा सोमवार को शाह सतनाम-शाह मस्तान जी धाम व मानवता भलाई केन्द्र डेरा सच्चा सौदा सरसा में धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया। हल्की बूंदाबांदी के बीच हरियाणा, पंजाब और राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से भारी तादाद में साध-संगत ने पावन भंडारे में शिरकत की। इस दौरान शाह सतनाम जी मार्ग, बाजेकां रोड, डबवाली-भटिंडा मार्ग, सरसा-बरनाला रोड पर कई-कई किलोमीटर लंबी साध-संगत के वाहनों की कतारें लगी रही। वहीं दरबार की ओर आने वाले सभी मार्गों पर दूर-दूर तक साध-संगत का विशाल जनसमूह ही नजर आ रहा था। पावन भंडारे में डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई कार्यों में से क्लॉथ बैंक मुहिम के तहत जरूरतमंद बच्चों को वस्त्र वितरित किए गए। MSG Bhandara

छाया: सुशील कुमार

इस सुअवसर पर सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 19वां रूहानी पत्र भेजा, जिसे साध-संगत को पढ़कर सुनाया गया। सतगुरु के पावन वचनों को सुनकर साध-संगत भाव-विभोर हो उठी। रूहानी पत्र के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने सर्वप्रथम साध-संगत को स्थापना दिवस के एमएसजी भंडारे की बधाई और आशीर्वाद दिया। साथ ही डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत द्वारा किए जा रहे 162 मानवता भलाई कार्यों में एक और कार्य ‘पालतु संभाल’ जुड़ गया। इस कार्य के तहत पालतु पशुओं को आवारा नहीं छोड़ा जाएगा।

पावन भंडारे पर उमड़ी साध-संगत ने एक साथ अपने दोनों हाथ खड़े कर ‘पालतु संभाल’ कार्य को पूरी तल्लीनता से करने का प्रण लिया। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को पावन आशीर्वाद देते हुए फरमाया कि परमपिता एमएसजी आपके घर (शरीर) व परिवार को खुशियां दे और परिवार का आपस में प्यार बढ़े। साथ ही साध-संगत द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई कार्यों के लिए उनका हौसला बढ़ाते हुए पूज्य गुरु जी ने लिखा कि आप सब जैसे सृष्टि भलाई के कार्य दिन-रात करते हैं वो जज्बा कमाल का है और इसे और बढ़ाएं। MSG Bhandara

सुबह 11 बजे ‘‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’’ के पवित्र नारे के रूप में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को बधाई के साथ पावन भंडारे का आगाज हुआ। तब तक पूरा पंडाल साध-संगत से खचाखच भर चुका था और बड़ी तादाद में साध-संगत के आने का सिलसिला अनवरत जारी था। पावन भंडारे में कविराजों ने भक्तिमय भजनों के माध्यम से सच्चे दाता रहबर के महान परोपकारों और महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर सत्संग पंडाल में लगाई गई बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनों पर पूज्य गुरु जी के अनमोल वचन चलाए गए, जिन्हें साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया। पावन भंडारे की समाप्ति तक साध-संगत के आने का सिलसिला निरंतर जारी रहा। समाप्ति पर साध-संगत को सेवादारों ने कुछ ही मिनटों में प्रसाद व लंगर भोजन खिला दिया।

पूज्य गुरु जी के गीतों पर झूमी साध-संगत | MSG Bhandara

पावन भंडारे की खुशी में आयोजित नामचर्चा सत्संग के दौरान पूज्य गुरु जी द्वारा युवाओं को नशों से दूर रहने के लिए प्रेरित करते गाए गए सॉन्ग ‘मेरे देश की जवानी’ और ‘आशीर्वाद मांओ का’ चलाए गए। सॉन्ग के माध्यम से नशे में बर्बाद होते युवाओं को राम-नाम का जाप कर नशा छोड़ने का सशक्त संदेश दिया गया। इसके अलावा इन भजनों पर साध-संगत ने नाच गाकर खुशियां मनाई।

डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दर्शाया सतगुरु का महापरोपकार

पावन भंडारे के दौरान डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। जिसमें बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज द्वारा 1948 में डेरा सच्चा सौदा की नींव रखने से लेकर परमपिता शाह सतनाम जी महाराज व पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की रहनुमाई में किए जा रहे मानवता भलार्ई कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। MSG Bhandara

छाया: सुशील कुमार

बुराईयां छुड़वाकर राम-नाम से जोड़ता है डेरा सच्चा सौदा : पूज्य गुरु जी

सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रिकॉर्डिड वचनों में फरमाया कि सार्इं जी का लगाया गया वो बीज सच्चा सौदा आज वट वृक्ष बन चुका है। पूरी दुनिया में लोग राम-नाम गाने लगे है। नशा और बुराईयां छोड़ने व अपनी टूटी तार फिर से राम-नाम से जोड़ने के लिए लोग सच्चे सौदे में आते हैं तथा मालिक से यही दुआ है कि राम-नाम से उनकी तार फिर से जुड़ जाए और उनको वो दातार (परम पिता परमात्मा) फिर से मिल जाए। पूज्य गुरु जी ने सार्इं दाता रहबर के दया मेहर के बारे में बताते हुए फरमाया कि आज घोर कलियुग है।

उनके वचन हैं कि इस जलते-बलते भट्ठ में भगवान का नाम ऐसे काम करता है जैसे तपती हुई रेगिस्तान की धरती पर रिमझिम बरसात होने लग जाए। ठीक उसी प्रकार राम का नाम काम करता है। कुदरत ने क्या-क्या जगह बना रखी हैं और सार्इं जी ने भी ऐसी जगह को चुना। शाह मस्तान जी, शाह सतनाम जी धाम दोनों ही जगह ऐसी है। सार्इं जी के चोज अलग थे। जब शाह मस्तान जी धाम बनाया तो कभी वहां मकान बना देते तो कभी उसे गिरा देते थे। साध-संगत उनके चोज देख हैरान होती रहती। MSG Bhandara

छाया: सुशील कुमार

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि दाता रहबर ने जो उपकार किए उनको बयान नहीं किया जा सकता। परमपिता शाह सतनाम जी महाराज को जब सार्इं जी ने गुरुगद्दी पर बैठाया तो सार्इं जी ने अपने वचनानुसार फरमाया कि जिसको दुनिया बाहर ढूंढती रहती है, उसको हमने सब के सामने बैठा दिया है और वचन फरमाए कि हम थे, हम है और हम ही रहेंगे, कभी जाएंगे नहीं। लेकिन इसके लिए भी आँख देखने वाली होनी चाहिए। अगर रूहानियत के किसी फकीर के नजारे लूटने हों, खुशियां लेनी हों, ओम, परम पिता परमात्मा को मिलना हो तो मोतिया बिंद का आॅपरेशन कराना होगा।

काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, मन, माया, गम, दुख, दर्द, चिंता, टैंशन, परेशानियां, यानि ये पाँच-सात तो मेन पेड़ हैं और आगे इनकी टहनियां हैं। तो इन्हीं में आप उलझे पड़े हैं। गुरुमंत्र ले लिया तो संचित कर्मों को खत्म करने का तरीका मिल गया और इस जन्म में गुरुमंत्र लेने से पहले जो कर्म जाने-अनजाने में कर बैठे तो जब गुरु माफी दिलवाता है तो मालिक उसी समय उन कर्मों को काट देता है। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि संचित कर्मों की बात करें तो वो लाखों जोनियां हैं, तो उनके जो कर्म हैं, अगर एक-एक भी करें तो 84 लाख हैं। अच्छे हैं तो खुशी मिलनी है। लेकिन अगर सुमिरन करो तो बुरे कटेंगे और अच्छे और अच्छे बन जाएंगे। MSG Bhandara

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