Artificial Intelligence : AI की नई आहट

Artificial Intelligence

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Artificial Intelligence की ताकत को लेकर दुनिया में तमाम तरह की शंकाएं हों, लेकिन एक बात तय है कि भविष्य में बदलाव का सबसे बड़ा कारण एआई ही बनेगी। यह लगातार नई ताकतवर तकनीकों को जन्म दे रही है। इसी कड़ी में एआई तकनीक की गुणवत्ता से लैस सर्च इंजन के सामने आने की बात कही जा रही है है। कहा जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित यह सर्च इंजन कालांतर गूगल के सर्च इंजन की बादशाहत को चुनौती दे सकता है। अभी गूगल का सर्च इंजन हर कंप्यूटर और हरेक स्मार्टफोन में मौजूद है, पर जब ओपनएआई का कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाला सर्च इंजन सक्रिय हो जाएगा, तो स्थितियां बदलेंगी। माइक्रोसॉफ्ट समर्थित ओपनएआई कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अभी सबसे आगे है। चैटजीपीटी भी ओपन एआई का अब तक का सफलतम उत्पाद है।

अब नए सर्च इंजन के आने से ओपन एआई के चैट जीपीटी की क्षमताओं में वृद्धि की उम्मीद है, जिससे यह वेब से वास्तविक समय में या तत्काल जानकारी प्राप्त कर सकेगा। यह अक्सर कहा जा रहा है कि चैट जीपीटी काफी मशीनी या एकरूपता वाले पाठ पेश कर रहा है, जबकि बाजार में ज्यादा विविधता वाले ऐसे पाठों की जरूरत है, जो मशीनी नहीं, बल्कि ज्यादा मानवीय लगें। सरकारों को मौजूदा व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों के प्रति सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि आज देश की अधिकतर व्यवस्थाएं इंटरनेट पर टिकी हैं। इसके नियमन के लिये सख्त कानून बनाये जाने चाहिए। पश्चिमी जगत के विशेषज्ञ भी मनुष्य को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के खतरों के लिये तैयार करने की सलाह दे चुके हैं। ऐसे में इस दिशा में सावधानी के साथ चलने की आवश्यकता है।

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