पर्वतारोही रोहताश खिलेरी बिश्नोई के साथ संजीतू बांगड़वा व अनु यादव ने भी हासिल किया नया मुकाम
सच कहूँ/संदीप सिंहमार हिसार। हरियाणा दिवस पर एक नवंबर को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित माउंट मून पर्वत की चोटी फतेह करने के लिए निकला हिसार का पर्वतारोही दल चोटी को फतेह कर वापस लौट आया है। इस मिशन में माउंट एवरेस्ट फतेह कर चुके हिसार के गांव मलापुर निवासी पर्वतारोही रोहताश खिलेरी के अलावा उनकी स्टूडेंट तेलनवाली गांव से संजीतू बांगड़वा और हिसार से 12 साल की अनु यादव भी शामिल रही। उन्होंने माउंट मून पर्वत की चोटी पर तिरंगा लहराकर अपने मिशन को सफल बनाया। इस पर्वतारोही दल को खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह से अपनी शुभकामनाओं के साथ रवाना किया था। पर्वतारोही रोहताश खिलेरी बिश्नोई ने बताया कि एक नवंबर को हरियाणा दिवस के अवसर पर पर्वत की चोटी पर हरियाणा की ओर से ध्वज फहराने के साथ उनका यह अभियान पूरा हुआ।
गौरतलब है कि रोहताश खिलेरी बिश्नोई हिसार के गांव मलापुर के निवासी हैं और अभी तक एशिया के माउंट एवरेस्ट अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो और यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एलब्रुस को दो बार फतेह कर चुके हैं। रोहताश खिलेरी बिश्नोई एलब्रुस को समर और विंटर में फतेह करने वाले पहले भारतीय हैं। रोहताश माउंट एवरेस्ट के शिखर पर 24 घंटे रुककर तिरंगा फहराना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें एक अप्रैल 2020 को माउंट एवरेस्ट की दोबारा चढ़ाई के लिए जाना था। लेकिन कोरोना के कारण इस साल उनका अभियान रद्द हो गया। लेकिन अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उनकी ट्रेनिंग लगातार जारी है। फिलहाल वे सेवन समिट के मिशन पर हैं। इसके साथ ही वे नए पर्वतारोहियों के सपनों को पूरा करने में भी सहयोग कर रहे हैं। रोहताश खिलेरी बिश्नोई एलब्रुस को समर और विंटर में फतेह करने वाले पहले भारतीय हैं। वे एवरेस्ट के शिखर पर 24 घंटे रुक कर भारत के तिरंगे को लहराना चाहते हैं।
रोहताश खिलेरी की उपलब्धियां
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माउंट एवरेस्ट 16 मई 2018
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माउंट किलिमंजारो 23 जुलाई 2018
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माउंट एलब्रुस 4 सितंबर 2018
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माउंट एलब्रुस 1 फरवरी 2020
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माउंट फ्रेंडशिप 9 अक्टूबर 2020
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माउंट मून 1 नवंबर 2020
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