
Israel Iran attack 2025: संयुक्त राष्ट्र। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने चेतावनी दी है कि ईरान की परमाणु सुविधाओं पर इज़राइली हमलों से रेडियोधर्मी और रासायनिक प्रदूषण का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि ये हमले ईरान में परमाणु सुरक्षा और संरक्षा के स्तर को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं। Israel Iran attack News
ग्रॉसी ने बताया कि फिलहाल कोई ऐसा प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि आम जनता रेडियोधर्मी विकिरण की चपेट में आई है, किंतु भविष्य में ऐसा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नतांज परमाणु केंद्र के बाहर विकिरण स्तर सामान्य बना हुआ है, परंतु भीतर रासायनिक और रेडियोलॉजिकल दोनों प्रकार के प्रदूषण के संकेत मिले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, “अल्फा कणों से युक्त विकिरण यदि सांस द्वारा भीतर चला जाए या निगला जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकता है। इस प्रकार के जोखिम से बचाव के लिए श्वसन उपकरणों जैसे उपाय आवश्यक हैं।”
फोर्डो परमाणु केंद्र, जहाँ 60 प्रतिशत यूरेनियम का संवर्धन
ग्रॉसी ने बताया कि फोर्डो परमाणु केंद्र, जहाँ 60 प्रतिशत यूरेनियम का संवर्धन होता है, वहां फिलहाल कोई क्षति नहीं हुई है। हालांकि, 13 जून को इस्फहान स्थित परमाणु केंद्र पर हुए हमले में चार भवनों को नुकसान पहुंचा। इसके बावजूद परिसर के बाहर विकिरण स्तर सामान्य है। उन्होंने दोहराया कि नतांज और इस्फहान दोनों ही स्थानों पर मुख्य चिंता रासायनिक विषाक्तता को लेकर है। Israel Iran attack News
ग्रॉसी ने यह भी कहा कि बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जो एक सक्रिय ऊर्जा केंद्र है और जिसमें हजारों किलोग्राम परमाणु सामग्री मौजूद है, यदि हमले की चपेट में आता है, तो यह पर्यावरण में अत्यधिक रेडियोधर्मी उत्सर्जन का कारण बन सकता है। उन्होंने विशेष रूप से बिजली आपूर्ति की दो लाइनों को निष्क्रिय करने वाले संभावित हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे रिएक्टर कोर पिघल सकता है, जो विकिरण फैलाव की एक आपात स्थिति को जन्म दे सकता है।
आपात योजनाएं लागू करनी पड़ सकती हैं | Israel Iran attack News
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि हालात बदतर होते हैं, तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना, आयोडीन की गोलियां देना और खाद्य आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाना जैसी आपात योजनाएं लागू करनी पड़ सकती हैं। यह प्रभाव कुछ किलोमीटर से लेकर सैकड़ों किलोमीटर तक हो सकता है। तेहरान परमाणु अनुसंधान केंद्र पर किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई को भी उन्होंने घातक करार देते हुए कहा कि इससे राजधानी के बड़े क्षेत्रों और वहां रहने वाले लाखों नागरिकों पर गंभीर असर पड़ सकता है। उन्होंने दोहराया कि परमाणु प्रतिष्ठानों पर किसी भी प्रकार के सशस्त्र हमले नहीं होने चाहिए और अधिकतम संयम बरतना अनिवार्य है।
ग्रॉसी ने यह भी कहा कि सैन्य तनाव परमाणु प्रसार को रोकने की दिशा में चल रहे कूटनीतिक प्रयासों को बाधित कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो, ईरान के साथ एक दीर्घकालिक और शांतिपूर्ण समझौता संभव है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आईएईए की निगरानी व्यवस्था यह सुनिश्चित कर सकती है कि ईरान में परमाणु हथियारों का निर्माण न हो। अंत में उन्होंने आग्रह किया कि इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए, क्योंकि इसका विकल्प केवल युद्ध और परमाणु खतरे का विस्तार होगा, जो न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था के लिए संकट बन जाएगा। Israel Iran attack News