आर्थिक मोर्चे पर नया साल चुनौतीपूर्ण
साथ ही संस्थानों और संगठनों को मजबत कर विकास की प्रक्रिया में तेजी लायी जा सकती है अैर यह जिम्मेदारी सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की है कि वह सामाजिक, आथिर्क विकास सुनिश्चित करे और ऐसा बदलाव लाए जिससे देश में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की स्थिति में सुधार हो क्योंकि बढ़ती विषमता सतत और संतुलित विकास के मार्ग में अड़चन बनती जा रही है।
टोल टैक्स पर सियासी घमासान
निजी वाहनों से टोल वसूली के राज्य सरकार के निर्णय पर कहा
की कार चलाने वाले लोग टोल चुकाने में सक्षम है।
दूसरी तरफ भाजपा ने प्रदेशभर में धरना, प्रदर्शन
जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है?
कितनी ही बार बड़े काम आसानी से हो जाते हैं, पर छोटी चीजें देर तक अटकाए रहती हैं।
बड़ी मुसीबतें और दुख झेल लिए जाते हैं, छोटे-छोटे दुखों से उबरना कठिन हो जाता है। दरअसल शुरू में हमें छोटे कामों की अहमियत ही नहीं पता चलती।


























