हनुमान का उत्तर
                पता नहीं कितने इन्द्र और ब्रह्मा मर गए और कितने मरेंगे। 
मुझे भी मरना है इसलिए मैंने अपनी गृहस्थी नहीं बसाई।            
            
        श्रीराम और परशुराम
                उनका वास्तविक स्वामी तो वह होगा जो उनकी देखभाल करे और हमेशा उनकी सेवा मेें जुटा रहे, शिष्य ने उत्तर दिया।            
            
        संत शेख फरीद
                महापुरुष सूखे नारियल की तरह होते हैं और आम आदमी गीले नारियल जैसा। जब तक वह भौतिक वस्तुओं के आकर्षण और रिश्ते-नातों के मोह में बँधा है, कष्ट की नौबत आने पर दुखी होता है, जबकि संत-महात्मा सूखे नारियल की भाँति मोह से परे होते हैं, जैसे खोल से सूखा नारियल।            
            
        

























