संत शेख फरीद
महापुरुष सूखे नारियल की तरह होते हैं और आम आदमी गीले नारियल जैसा। जब तक वह भौतिक वस्तुओं के आकर्षण और रिश्ते-नातों के मोह में बँधा है, कष्ट की नौबत आने पर दुखी होता है, जबकि संत-महात्मा सूखे नारियल की भाँति मोह से परे होते हैं, जैसे खोल से सूखा नारियल।
राष्ट्रगान का सम्मान
सेठ के दिमाग ने तेजी से काम किया और उसने ग्रामोफोन पर जापान के राष्ट्र गान का रिकॉर्ड लगा दिया। चोर ने जब अपने देश के राष्ट्र गान की धुन सुनी तो वह फौरन सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया।चोर को उस मुद्रा में देख कर सेठ ने चोर के हाथ-पांव बांध दिए और पुलिस को फोन कर दिया।