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Sunday, June 15, 2025
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    Sheiksh-Farid

    संत शेख फरीद

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    महापुरुष सूखे नारियल की तरह होते हैं और आम आदमी गीले नारियल जैसा। जब तक वह भौतिक वस्तुओं के आकर्षण और रिश्ते-नातों के मोह में बँधा है, कष्ट की नौबत आने पर दुखी होता है, जबकि संत-महात्मा सूखे नारियल की भाँति मोह से परे होते हैं, जैसे खोल से सूखा नारियल।
    terrorist-attack-in-uri

    उरी में आतंकी हमला

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    पांच साल पहले आज ही के दि...

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