बादशाह की करूणा
एक आशावादी व्यक्ति प्रत्येक स्थान पर हरी बत्ती देखता है, जबकि निराशावादी व्यक्ति स्टॉप वाली लालबत्ती देखता है, परन्तु बुद्धिमान व्यक्ति किसी रंग कि बत्ती नहीं देखता।
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पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज से सत्संग में पुछे गए रूहानी सवाल जावाब
पूजनीय परम पिता शाह सतनाम...
प्रेरणास्त्रोत :उपदेश का समय
स्वामी विवेकानंद से मिलने दूर दूर से लोग आया करते थे। एक बार अपने समय के मशहूर लेखक और पत्रकार सखाराम गदेड़स्कर अपने दो मित्रों के साथ स्वामी जी से मिलने गए। उन दिनों पंजाब में जबर्दस्त अकाल पड़ा हुआ था। बातचीत के दौरान जैसे ही स्वामी जी को पता चला कि उनमें से एक पंजाब के निवासी हैं, उन्होंने बातचीत की दिशा ही बदल दी।