आम बजट को सत्ता पक्ष ने सराहा तो विपक्ष व किसानों ने बताया नकारात्मक

Budget and Economy

सरसा(सच कहूँ/सुनील वर्मा)। मंगलवार को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का दसवां व 2022-23 का आम बजट संसद में पेश किया। बजट में डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने, आत्मनिर्भर भारत में 16 लाख रोजगार देने, खेती को बढ़ावा देने सहित अनेक घोषनाएं की गई। लेकिन सरसा जिला को बजट में कुछ नहीं मिला है। हालांकि आम बजट को जहां सत्तापक्ष ने दूरगामी बजट बताते हुए लाभकारी बताया तो कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों और किसानों ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्ष ने कहा कि इस बजट से आम लोगों को कुछ नहीं मिला है।

जूते-चप्पल और खेती का सामान सस्ता: जगदीश चोपड़ा

पूर्व चेयरमैन एवं वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश चोपड़ा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट की ऐतिहासिक बताते हुए उसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने करदाता पर ट्रस्ट किया है। बजट में ऐतिहासिक फैसला करते हुए क्रिप्टो करेंसी को मान्यता देकर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया है। उन्होंने कहा कि बजट में जूते-चप्पल और खेती का सामान सस्ता किया है। उन्होंने कहा कि बजट में डिजिटल करेंसी को लाने की बात की है। बजट 25 साल के बाद के भारत को ध्यान में रख कर बजट बनाया है।

बजट खेती के लिए नकारात्मक: लखविंद्र सिंह

बीकेयू नेता लखविंद्र सिंह औलख ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट-2022 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट खेती के लिए नकारात्मक है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने, किसान सम्मान निधि के आबंटन में वृद्धि न करना, फसल बीमा योजना के लिए आबंटन कम करना, फसलों की खरीद हेतु प्रधानमंत्री आशा स्कीम में आबंटन घटाना, पराली न जलाने हेतु आबंटन को खत्म करना, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को कम करना, खेती में प्रयोग होने वाली वस्तुओं जैसे बीज, कीटनाशक, खरपतवारनाशी, ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्रों, पशुओं व पोल्ट्री फीड में जीएसटी की दरों में राहत न देने से स्पष्ट है कि कृषि की बजट में इतनी उपेक्षा आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुई है।

सरसा सहित हरियाणा को कुछ नहीं मिला: राजकुमार शर्मा

कांग्रेस नेता राजकुमार शर्मा ने आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में सरसा सहित हरियाणा को कुछ नहीं मिला है। बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है। आम बजट में गांव के गरीब के लिये कुछ नहीं है। देश मे सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। लेकिन सरकार जमीन पर आकर बात करना नही चाह रही। मैं सच कहूं तो इतना खराब और गैर उत्साह वाला बजट नहीं देखा।

मध्यम वर्ग को निराशा हाथ लगी: गुरमीत सिंह

शिक्षक गुरमीत सिंह भाटिया आम बजट से मध्यम वर्ग को निराशा हाथ लगी है। मध्यम वर्ग के लोग बजट से टेक्स स्लेब बढ़ने की उम्मीद लगाये हुए थे। लेकिन जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। दूसरी ओर छोटे और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के लिये 2 लाख करोड़ का बजट जारी करना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा कदम है। आरबीआई डिजिटल करेंसी जारी करना, इलेक्ट्रानिक उपकरणों पर टैक्स की छूट करना सरकार का कारगर कदम है।

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