समावेशी शिक्षा से बनेगा देश आत्मनिर्भर: खट्टर

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चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि देश के वातावरण के मुताबिक दी जाने वाली शिक्षा ही वास्तविक शिक्षा है तथा इसके माध्यम से व्यक्ति और देश आत्मनिर्भर बनेगा। खट्टर शनिवार को यहां राजभवन में राज्यपाल बंडारू दतात्रेय की अध्यक्षता में आयोजित राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिवों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए दो दिवसीय बैठक बुलाने पर राज्यपाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में निजी विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नई शिक्षा नीति में जीवन मूल्यों से जुड़ी शिक्षा को शामिल किया गया है ताकि व्यक्ति का सामुहिक विकास सुनिश्चित हो और वह आत्मनिर्भर बने। उन्होंने स्वामी विवेकानंद को उद्घृत करते हुए कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का ढेर नहीं है, बल्कि जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का माध्यम है और इसके बिना शिक्षा अधूरी है।

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उन्होंने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा के कारण हम वास्तविक जीवन उपयोगी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जीवन मूल्यों को प्राथमिकता दी गई है ताकि उसे आत्मसात कर अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकें। शिक्षा को लेकर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को एक-दूसरे की नहीं बल्कि दुनियाभर के विश्वविद्यालयों की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों को अंगीकार करना चाहिए। सरकारी या निजी विश्वविद्यालय, सभी संसाधनों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनें। इसमें ऐलुमनी बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं। इसके अलावा सीएसआर फंड से भी सहायता ली जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों के पास नौजवानों की काफी बड़ी वर्कफोर्स होती है, जिसे शिक्षा देने के साथ विभिन्न सर्वेक्षण कार्यों में भी शामिल किया जा सकता है। इससे जहां विश्वविद्यालयों को राजस्व की प्राप्ति होगी वहीं छात्रों का बौद्धिक विकास होगा। विश्वविद्यालय सरकार के अनेक विभागों को अपनी स्किलफुल कंस्लटेंसी देकर भी वित्तीय संसाधन उत्पन्न कर सकते हैं। मानव रचना और अशोका विश्वविद्यालय इस दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अनुसंधान के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और ज्ञान को लेकर अद्यतन करते रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी खत्म करने के लिए युवाओं को हुन्नरमंद बनाना जरूरी है। तकनीकी शिक्षा का जितना फैलाव होगा युवा उतना ही आत्मनिर्भर बनेगा और उसे सहज ही रोजगार भी मिल जाएगा। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास को प्रमुखता दी गई है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिये जो रोजगार केंद्रित होने के साथ संस्कारवान भी बनाए। बैठक में हरियाणा के उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, मुख्य सचिव संजीव कौशल तथा अन्य अधिकारी और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव भी उपस्थित थे।

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