नयी दिल्ली। भारत ने इंडियन ऑयल नयी दिल्ली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए छह स्वर्ण, नौ रजत और सात कांस्य सहित कुल 22 पदक जीते।
आज यहां जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में संपन्न हुई चैंपियनशिप में भारत दसवें स्थान पर रहा। हालांकि उसने विश्व चैंपियनशिप के किसी भी संस्करण में सबसे अधिक पदक जीते। घरेलू टीम ने रविवार को महिलाओं की 100 मीटर टी12 स्पर्धा में सिमरन, महिलाओं की 100 मीटर टी35 स्पर्धा में प्रीति पाल और पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा टी41 में नवदीप के रजत पदकों के साथ-साथ पुरुषों की 200 मीटर टी44 स्पर्धा में संदीप के कांस्य पदकों की बदौलत भारत ने कुल 6 स्वर्ण, 9 रजत और 7 कांस्य पदक जीते।
सिमरन ने एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए 24.46 सेकंड का एशियाई रिकॉर्ड बनाया, लेकिन यह केवल रजत पदक के लिए ही पर्याप्त था। वेनेज़ुएला की एलेजांद्रा पाओला पेरेज लोपेज ( जो पहले स्थान पर रही थीं), को पुलिंग, स्लिंग-शॉटिंग और सहायता संबंधी नियमों का उल्लंघन करने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके कारण सिमरन का पदक रजत पदक में बदल गया।
सिमरन एक स्वर्ण और एक रजत पदक के साथ चैंपियनशिप में भारतीय स्टार बनकर उभरीं, जबकि प्रीति पाल दूसरी घरेलू एथलीट थीं जिन्होंने दो पदक जीते। उनके नाम एक रजत और एक कांस्य रहा। 2024 में कम पदकों के साथ छठे स्थान पर रहने वाला भारत इस बात से राहत महसूस कर सकता है कि पोडियम फिनिशरों में ज़्यादा एथलीट शामिल हुए, जबकि कई पदक से बस थोड़े अंतर से चूके।
जहां सिमरन के कांस्य पदक को जूरी कक्ष में रजत पदक में बदल दिया गया, वहीं महिलाओं की 100 मीटर टी35 फ़ाइनल स्पर्धा को दोबारा आयोजित किया गया। जूरी द्वारा यह निर्णय दिए जाने के बाद कि निर्धारित रेस की शुरुआत में बंदूक में खराबी थी, रेस को दोबारा आयोजित करना पड़ा। प्रीति पाल ने रजत पदक जीतने के अवसर का पूरा लाभ उठाया।
ब्राजील की महिला स्प्रिंटर्स जेरुसा गेबर (200 मीटर टी11) और क्लारा डी बैरोस दा सिल्वा (200 मीटर टी12) ने स्वर्ण पदक के साथ अपने देश को इंडियनऑयल नई दिल्ली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में चैंपियन बनने में मदद की।
साल 2013 में छठे स्थान पर रहने के बाद चीन पहली बार पदक तालिका में शीर्ष पर नहीं रहा। ब्राज़ील ने 15 स्वर्ण, 20 रजत और 9 कांस्य पदकों के साथ कुल 44 पदक जीते और पदक तालिका का बादशाह बना। 2015 से 2024 तक लगातार पांच संस्करणों में शीर्ष पर रहने वाले चीन ने ब्राज़ील से आठ ज़्यादा पदक जीते। हालांकि, 13 स्वर्ण, 22 रजत और 17 कांस्य पदकों के साथ चीन इस बार दूसरे स्थान पर रहा।
चीनी एथलीटों ने अंतिम सेशन में तीन स्वर्ण पदक जीते और ये ब्राज़ील के लिए शीर्ष पर पहुंचने की दौड़ में बाज़ी पलटने के लिए काफ़ी होते, लेकिन लैटिन अमेरिकी देश के धावकों ने अच्छा प्रदर्शन किया और पदक तालिका में अपनी बढ़त बनाए रखी। लगातार तीन संस्करणों में दूसरे स्थान पर रहने के बाद, ब्राज़ीलियाई खिलाड़ियों का यह एक सराहनीय प्रदर्शन था कि उन्होंने गौरवपूर्ण स्थान हासिल किया।