
छछरौली, सच कहूं राजेंद्र कुमार। फारेस्ट व वाइल्ड लाइफ विंग की टीम के संयुक्त प्रयासों से खैर से लदा एक टैंपू पकड़ा है। जिसमें कई लाख रुपये कीमत की खैर बरामद हुई है। गाड़ी से 82 पीस खैर के बरामद हुए हैं। खैर तस्कर गाड़ी को दादुपुर जटान गांव के समीप छोड़ कर फरार हो गए। रेंज कार्यालय में गाड़ी से जब लकड़ी को गिनती के लिए उतारा जा रहा था तो उसमें लकड़ी की एक खोल में पक्ष्रियों का एक घोंसला भी मिला, जिसमें पक्षी रह रहे होंगे। वन विभाग कलसिया रेंज छछरौली ने कार्रवाई करते हुए मामले की रिपोर्ट तैयार कर दी, जिसे अदालत में पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि जंगलों से लगभग 20 से 25 पेड़ काटे गए जिनकी लकड़ी बरामद हुई है।
कलसिया रेंज छछरौली के वन दरोगा मिंटू को को शनिवार सुबह को सूचना मिली कि जाटांवाला निवासी ईनाम टैंपू में खैर की लकड़ी को लाद कर बाजार में बेचने के लिए लेकर जाएगा। उसने इसकी सूचना कोट ब्लाक के इंचार्ज बृजमोहन के अलावा छछरौली के बीट इंचार्ज सुरेंद्र व मेहरनीवाला के वन्य जीव रक्षक प्रदीप को दी। मिटूं व बृजमोहन वन दरोगा द्वारा छछरौली से डारपुर रोड पर कोट के पास नाका लगाया तो सुरेंद्र कुमार व प्रदीप गार्ड द्वारा प्रतापनगर-बिलासपुर रोड पर लेदी के पास नाका लगाया गया।
सुबह पांच बजे के करीब ढाकवाला मोड की ओर से एक टैंपू आता दिखाई दिया, तो मिंटू वन दरोगा ने उसे रुकने का इशारा किया। मगर टैंपू चालक ने नाकाबंदी पर तैनात स्टाफ पर टैंपू चढ़ाने का प्रयास करते हुए उसको ओर तेज भगा लिया। इसकी सूचना लेदी में तैनात स्टाफ को भी दी गई। टैंपू का जब पीछा शुरु किया गया तो देखा कि टैंपू को जाटवाला का इरफान चला रहा था, उसके साथ एक ओर व्यकित बैठा था। इसी तरह एक अन्य आरोपी टैंपू की पिछली साइड में बैठा था। दादुपुर जटान के पास टैंपू को घिरता देख कर गाड़ी चालक आपने टैंपू को को वहीं छोड़ दो अन्य साथियों के साथ भागने में सफल हो गया। भागते हुए आरोपियों की पहचान जाटांवाला के इशरार, इकरान के रुप में हुई । कर्मचारियों ने टैंपू को अपने कब्जे में लेकर चेक किया तो उसमें खैर के छिले टुकड़े लदे हुए थे। टैंपू को छछरौली रेंज कार्यालय लाया गया, उसमें से 82 पीस खैर के बरामद हुए। लकड़ी को वन्य प्राणी विहार के जंगल इब्राहिमपुर बीट, छछरौली बीट व बनसंतौर बीट से काटा गया था।
लकड़ी की खोल में मिला पक्षियों का घोंसला, तस्कर उजाड़ रहे है वन्य जीवों का आश्रय स्थल
फारेस्ट स्टाफ जब लकड़ी को गाड़ी से गिनती के लिए उतार रहा था तो उसमें एक लकड़ी के खोल में पक्षियों का घोंसला मिला जो वैसे ही लकड़ी में चिपका हुआ था। रेंज अधिकारी बलजीत सिंह ने बताया कि वन माफिया या खैर तस्कर न केवल खैर का कटान कर पर्यावरण के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे है, बल्कि पशु-पक्षियों के आश्रय स्थलों को भी उजाड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग इस प्रकार के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करेगा। रिर्जव फारेस्ट, प्रोटेक्टड फारेस्ट व वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया के जंगल को नुकसान पहुंचाने की एवज में आईएफए, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट व पीएलपीए की धाराओं को लगा कर रिपोर्ट तैयार की गई है। जिसमें जाटांवाला के चार लोगों को आरोपी बनाया गया है।