एक दिन पूर्व हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़े गए पानी ने कैराना पहुंचते ही दिखाया अपना रौद्र रूप, बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा में आई कमी
- यमुना के पानी की जद में आकर तटवर्ती क्षेत्र की हजारों बीघा फसलें जलमग्न, एडीएम ने एसडीएम व तहसीलदार के साथ में किया तटबंध का निरीक्षण
कैराना (सच कहूँ/संदीप इन्सां)। Kairana News: एक दिन पूर्व हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़े गए 3.29 लाख क्यूसेक पानी ने कैराना पहुंचते ही अपना रौद्र रूप दिखा दिया। कैराना में यमुना खतरे के निशान को पार करके 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। यमुना के पानी की जद में आकर खादर क्षेत्र के किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। यमुना के रौद्र रूप को देखकर तटवर्ती इलाकों के बाशिंदे सहमे हुए है। Kairana News
हालांकि बैराज से यमुना में छोड़े जा रहे पानी की मात्रा में कमी आई है, जिसके चलते मंगलवार देर रात तक यमुना का जलस्तर घटने की संभावना है। पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से हो रही रिकॉर्डतोड़ बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। बारिश से हरियाणा के यमुनानगर जिले में बने हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ रहा है, जिसके चलते यमुना नदी में पानी छोड़े जाने का सिलसिला निरन्तर जारी है। विगत सोमवार को प्रातः नौ बजे हथिनीकुंड
बैराज से यमुना में छोड़े गए दिनभर के अधिकतम 3,29,313 क्यूसेक पानी ने कैराना पहुंचते ही अपना रौद्र रूप दिखा दिया, जिसके चलते सोमवार शाम पांच बजे तक चेतावनी बिंदु से 50 सेंटीमीटर नीचे बह रही यमुना खतरे के निशान को पार कर गई। मंगलवार को प्रातः 11 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। यमुना के पानी से खादर क्षेत्र की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई। यमुना के बढ़ते जलस्तर से प्रशासन व ड्रेनेज विभाग के अधिकारी अलर्ट मोड़ पर है। Kairana News
बैराज से यमुना में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में आई कमी
हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में कमी आई है, जिससे मंगलवार रात्रि में ही यमुना का जलस्तर घटने की संभावना है। वहीं, जलस्तर नीचे आने से तटवर्ती इलाकों के लोगो को भी राहत मिलने की उम्मीद है। उधर, ड्रेनेज विभाग के अधिशासी अभियंता सुधांशु सिंह ने बताया कि बैराज से सोमवार शाम पांच बजे 2,92,365 क्यूसेक, छह बजे 2,63,317 क्यूसेक, रात्रि नौ बजे 2,42,905 क्यूसेक तथा मंगलवार प्रातः सात बजे 1,83,207
क्यूसेक, आठ बजे 1,76,307 क्यूसेक, नौ बजे 1,63,386 क्यूसेक, दस बजे 1,51,393 क्यूसेक, दोपहर 12 बजे 1,54,958 क्यूसेक व दो बजे 145514 क्यूसेक पानी यमुना में प्रवाहित किया गया। उन्होंने बताया कि यमुना में छोड़े गए पानी की मात्रा में कमी आई है, जिससे क्षेत्र में भी यमुना का जलस्तर घटने की संभावना है।
मोहम्मदपुर राई में यमुना तटबंध में हुए लीकेज को कराया दुरुस्त
गांव मोहम्मदपुर राई निवासी अब्दुर्रहीम का खेत तटबंध के निकट स्थित है। बताया गया है कि मंगलवार को किसान के खेत के पास तटबंध में रिसाव हो गया। मामले की सूचना किसान ने प्रशासन व अन्य ग्रामीणों को दी, जिस पर रिसाव को मिट्टी से भरे प्लास्टिक के बैग आदि लगाकर बंद कर दिया गया। इसके अलावा, रामड़ा, मण्डावर, बल्हेड़ा व इस्सापुर खुरगान में भी कई जगहों पर तटबंध में दरार आ गई थी, जिसे प्रशासन ने ग्रामीणों की सहायता से दुरुस्त करा दिया।
हालांकि यमुना में उफनती लहरें अभी शांत होने का नाम नही ले रही है। वही, तहसीलदार अर्जुन चौहान का कहना है कि तटबंध में कुछ जगहों पर दरार आ गई थी, जिसे दुरुस्त करा दिया गया है। टीमें बनाकर पूरे तटबंध की निगरानी की जा रही है। यमुना की स्थिति का निरन्तर जायजा लिया जा रहा है।
यमुना के पानी आगोश में समा गई हजारों बीघा फसलें | Kairana News
यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही पानी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। इससे यमुना नदी का दायरा काफी बढ़ गया है, जिस कारण किनारे पर खड़ी फसलों को यमुना के पानी ने अपने आगोश में ले लिया है। मवी, हैदरपुर, रामड़ा, नंगलाराई, मामौर, मोहम्मदपुर राई, इस्सापुर खुरगान, मंडावर, पठेड़ आदि गांवों में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इनमें धान व ईंख के अलावा सब्जी की फसलें भी शामिल है, जिनमें भारी नुकसान की आशंका है।
तटवर्ती बाशिंदों की धड़कनों में हो रहा इजाफा
यमुना का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों के बाशिंदों की धड़कनें बढ़ी हुई है। हालांकि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है। तहसील क्षेत्र में सभी चार बाढ़ नियंत्रण चौकियों यमुना ब्रिज, रामड़ा, नंगलाराई व मोहम्मदपुर राई को विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों से यमुना नदी की ओर न जाने की अपील की जा रही है। यमुना की बढ़ती जलधारा ने पठेड़, बसेड़ा, मंडावर, इस्सापुर खुरगान, मोहम्मदपुर राई, रामड़ा, नंगलाराई, हैदरपुर, मवी, मामौर व सहपत के ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। Kairana News
12 वर्ष पूर्व भी तबाही मचा चुकी है यमुना नदी
कैराना तहसील क्षेत्र में यमुना तटबंध के अंतर्गत दर्जनों गांव पड़ते हैं। वर्ष-2013 में यमुना नदी में हथिनीकुंड बैराज से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसमें गांव मवी में तटबंध टूट गया था। इसके अलावा, मामौर, हैदरपुर, रामड़ा, नंगलाराई, मंडावर, पठेड़, मंसूरा समेत करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था।
उस वक्त प्रभावित लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। यमुना में आए उफान से एक बार फिर खादर क्षेत्र के लोग बाढ़ की आशंका को लेकर दहशत में है। हालांकि प्रशासन के द्वारा किसी भी परिस्थिति से निपटने का दावा किया जा रहा है।
कैराना में खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
कैराना में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मंगलवार को प्रातः 11 बजे ब्रिज पर स्थित सूचकांक पर यमुना का बहाव सूचकांक पर 232.00 मीटर दर्ज किया गया है, जबकि खतरे का निशान 231.500 मीटर पर निर्धारित है। यानी यमुना क्षेत्र में खतरे के निशान से करीब 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। हालांकि हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में काफी कमी आई है, जिसके चलते कैराना क्षेत्र में उफ़न रही यमुना के बहाव में कमी आने की संभावना है। Kairana News
एडीएम ने यमुना तटबंध का किया निरीक्षण, दिए निर्देश
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन भी पूरी तरह चौकन्ना नजर आ रहा है। मंगलवार को एडीएम शामली सत्येंद्र सिंह ने एसडीएम कैराना निधि भारद्वाज के साथ में तहसील क्षेत्र में स्थित यमुना तटबंध का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने मातहतों को यमुना तटबंध पर निरन्तर निगरानी करने समेत आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान तहसीलदार अर्जुन चौहान भी मौजूद रहे। एसडीएम का कहना है कि यमुना तटबंध का गहनता से निरीक्षण किया गया है। कुछ जगहों पर यमुना तटबंध की मरम्मत कराई गई है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। देर रात तक जलस्तर घटने की भी संभावना है।
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