एक दिन में 30-30 इंजेक्शन लगाने वाले कमलदीप ने छोड़ा नशा

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Sirsa एक दिन में 30-30 इंजेक्शन लगाने वाले कमलदीप ने छोड़ा नशा

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सच्चे, पूर्ण सतगुरु की सोहब्बत, संग किस तरह बुराइयों में फंस कर उजड़ चुके इंसान के जीवन में नई खुशियां लेकर आती है, इसके लाखों करोड़ों प्रत्यक्ष उदाहरण है। पूज्य गुरु जी की डेप्थ मुहिम से प्रभावित होकर युवा नशे की दलदल से बाहर निकलकर खुशहाल जीवन में लौट रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है पंजाब में पटियाला जिले की तहसील जखवाली के गांव जागो का रहने वाला कमलदीप पुत्र मलकीत सिंह। 22 साल का कमलदीप अच्छा कारीगर था और बिल्डिंग निर्माण के लिए लोहे के बीम, जाल इत्यादि बनाता है। बुरे लोगों के संपर्क में आकर चिट्टे (हेरोइन) का नशा करने लगा तो इसने अपना सब कुछ बर्बाद कर दिया। जमा पूंजी तो गवाई ही साथ ही शारीरिक व सामाजिक तौर पर भी पतन होता गया। नशे की लत में फंसकर एक दिन में 30-30 इंजेक्शन लगाने लगा। नशे की पूर्ति के लिए अपनी मां से मारपीट कर रुपये छीनकर ले जाता तो कभी इधर उधर से उधार ले लेता। नशे की दलदल में फंसकर युवा कमलदीप की जमीन भी बिक गई। परंतु जब गांव के ही एक डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु ने कमलदीप को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया और आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का सत्संग सुना तो कमलदीप ने ठान लिया कि वह भी नशा छोड़कर फिर से नेक इंसान बनेगा। खुद अपनी जुबानी अपनी कहानी सुनाते हुए कमलदीप ने बताया कि वे तीन भाई हैं। मैं नशेड़ी दोस्तों के साथ रहकर चिट्टे का नशा करना लगा।

परिवार के लोग उसे जेब खर्च के लिए कुछ रुपये देते तो वह उनको नशे पर खर्च कर देता। आहिस्ता-आहिस्ता उसकी नशे की लत बढ़ती गई। शुरूआत में वह एक ग्राम नशीला पदार्थ लेता इसके बाद धीरे-धीरे तीन से चार ग्राम तक पहुँच गया। एक वक्त वह अपनी नशे की पूर्ति करने के लिए 30 इंजैक्शन तक लगा लेता था। उसने अपनी टांगों, हाथों और यहां तक कि गर्दन पर भी नशे की टीके लगाए। नशा करने के बाद उसे कुछ होश नहीं रहता। लेकिन जब नशे का असर खत्म होता तो पूरे शरीर में भयंकर असहनीय दर्द होता। कमलदीप ने बताया कि नशे के लिए वह इस हद तक गिर गया था कि कई बार वह अपनी माँ के साथ भी मारपीट करके रुपये छीन ले जाता। नशे के कारण उसका खुशहाल परिवार बर्बादी के कागार पर पहुंच गया। जमीन तक बिकवा दी।

नशा छुड़वाने के लिए परिवारवालों ने किए भरसक प्रयास

कमलदीप की नशे की आदत से परेशान होकर परिवार वालों ने उसका नशा छुड़वाने के भरसक प्रयास किए, लेकिन वे पूरी तरह नाकाम रहे। यहां तक कि परिवार वालों ने परेशान होकर उसे घर में कई दिनों तक रस्सियों से बांध कर रखा। लेकिन कोई फायदा न हुआ। वो नशा करता रहा और इस नशे की लत में घर की सारी जमा पूंजी बर्बाद हो गई। पड़ोसी उन्हें ताने देते कि इसका कुछ करते क्यों नहीं, लेकिन परिवार वाले उनकी बातें सुनकर बेबसी में चुप रह जाते। उसने बताया कि वह आए दिन परिवार से नशे के लिए रुपये मांगता और झगड़ा करता।

सेवादार ने बताई डेरा सच्चा सौदा में नशा छुड़वाने की बात तो सुना सत्संग

कमलदीप और परिवार की इस बदहाली के बारे में पता चलने पर एक दिन उनके गाँव के एक डेरा सच्चा सौदा के सेवादार ने उससे संपर्क साधा और उसे डेरा सच्चा सौदा चलने के लिए कहा। लेकिन वह नहीं आया। उस सेवादार ने उससे फिर बात की और उसका नशा छुड़वाने की बात की। सेवादार ने कहा कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां अपने पावन वचनों से ही भयानक से भयानक नशा छुड़वा देते हैं। इन शब्दों को सुनकर उसके जीवन में जैसे रोशनी की एक किरण आ गई थी।

पूज्य गुरुजी ने की जज्बे की सराहना

आॅनलाइन गुरुकुल में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इस युवा द्वारा नशा छोड़ने पर इसके जज्बे की सराहना करते हुए वचन फरमाए, शाबास बेटा! अपने माता-पिता का नाम रोशन करना।

नाम सुमिरन से इच्छा शक्ति हुई प्रबल, हो गई नशे से नफरत

कमलदीप ने तुरंत कहा कि मैं नशा छोड़ना चाहता हूँ। इसके पश्चात कमलदीप उस सेवादार के साथ जखवाली में आॅनलाइन गुरुकुल में पहुँचा और वहां पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचन श्रवण किए। इसके पश्चात उसने गुरुमंत्र लिया। पूज्य गुरु जी के वचनानुसार उसने प्रसाद भी लिया। प्रसाद खाते ही उसे अपने अंदर एक अनोखी शक्ति का एहसास हुआ और नशे से नफरत हो गई। उस दिन के बाद वह गुरुमंत्र का जाप करने लगा। जैसे-जैसे जाप करता तो अंदर से नशों से दूर रहने की इच्छाशक्ति प्रबल होती गई। फिर पूज्य गुरु जी के वचनानुसार एक सप्ताह डेरा सच्चा सौदा में सेवा की। उसने बताया कि मैंने देखा कि मेरे जैसे कितने ही लोग यहां आकर नशा छोड़ रहे हैं। इस दौरान जब कभी इलाज की जरूरत पड़ी तो वो भी डेरा सच्चा सौदा के अस्पताल में फ्री किया गया। यहां तक कि भोजन तक का प्रबंध भी नि:शुल्क रहा। एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ा। पूज्य गुरु जी ने मेरे ऊपर जो उपकार किया है उसके लिए मैं उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूँ।

नशे से कोई परेशान है तां ओ सच्चा सौदा जरूर आवे

कमलदीप ने कहा कि नशे की गिरफ्त में फंसे नौजवानों से मैं इतना ही कहना चाहता हूँ कि नशा बहुत बुरी बला है, भ्राओ एहनूं छड्ड देयो। एह तुहाड़ी जिंदगी तां तबाह करदा ही है, हँसदे-खेड़दे घरां नू नरक बणा के उजाड़ दींदा है। जेहड़े माँ-प्यो औलाद वनी सुखां दी आस वेखदे ने ओहनां दी जिंदगी नूं हंजूआ दे हड़ विच डोब दींदा है। ऐसे करके एस तो जिन्ना छेती हो सके खैड़ा छुड़ा लवो। मैं एहदा गवाह हाँ। जे नशे करके कोई परिवार परेशान है तां ओ परिवार डेरा सच्चा सौदा जरूर आवे और मेरे वांग अपनी जिंदगी खुशहाल बणावे।