खरगे ने जाति जनगणना को लेकर लिखा मोदी को पत्र

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New Delhi: खरगे ने जाति जनगणना को लेकर लिखा मोदी को पत्र

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जाति जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा और कहा है कि वह कुछ सुझाव दे रहे हैं ताकि जाति जनगणना जैसी किसी भी प्रक्रिया में पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार मिल सकें। खरगे ने कहा कि पिछले साल इस मांग को लेकर उन्होंने श्री मोदी को पत्र लिखा तो भाजपा के नेताओं ने उन्हें और कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया तथा लगातार हमले की लेकिन अब खुद प्रधानमंत्री कांग्रेस की इस मांग की गहराई समझ गए हैं इसलिए जाति जनगणना कराने का उन्होंने निर्णय लिया और सामाजिक न्याय और सामाज के सशक्तिकरण के लिए इसे जरूरी भी बताता है।

खरगे ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए अपने पत्र में कहा ‘मैंने 16 अप्रैल 2023 को पत्र लिखकर कांग्रेस द्वारा जातिगत जनगणना कराने की मांग आपके समक्ष रखी थी। अफसोस की बात है कि मुझे उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद आपकी पार्टी के नेताओं और स्वयं आपने कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के नेतृत्व पर इस जायज मांग को उठाने के लिए लगातार हमले किए। आज आप स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि यह मांग गहन सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण के हित में है।ह्व

उन्होंने लिखा ह्लआपने बिना किसी स्पष्ट विवरण के यह घोषणा की है कि अगली जनगणना जो वास्तव में 2021 में होनी थी, में जाति को भी एक अलग श्रेणी के रूप में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में मेरे तीन सुझाव हैं, जिन पर आप कृपया विचार करें। कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को श्री मोदी को लिखित पत्र में सुझाव देते हुए कहां है कि जाति जनगणना के लिए तेलंगाना मॉडल को अपना कर आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा हटाया जाये और इसके लिए तमिलनाडु की तर्ज पर कानून बने। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग कि छात्रों को निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने के लिए अनुच्छेद 15(5) को लागू किया जाय। उन्होंने मोदी से जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों से बातचीत करने का भी आग्रह किया है।