प्रशासनिक ढांचे का अपग्रेडेशन, भूमि सुधारों और विशेष अध्यापक प्रशिक्षकों को राहत की मंजूरी

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Chandigarh News: कैबिनेट मीटिंग करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान। 

सीएम भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने कैबिनेट में लिया फैसला

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने सोमवार को नागरिकों की सरकार तक सीधी और सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशासनिक व शासकीय सुधारों की श्रृंखला को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने साहिबजादा अजीत सिंह (एस.ए.एस.) नगर जिले में उप-तहसील बनूड़ को तहसील के रूप में अपग्रेड करने, होशियारपुर में हरियाणा को नई उप-तहसील बनाने, डिजिटल रिकॉर्ड के माध्यम से भूमि राजस्व कानूनों को आधुनिक बनाने हेतु संशोधनों तथा समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत विशेष अध्यापक प्रशिक्षकों को दीर्घकालिक राहत प्रदान करने को स्वीकृति दी है। Chandigarh News

यह निर्णय नागरिक-प्रथम और सेवा-उन्मुख प्रशासन की ओर स्पष्ट बदलाव को दर्शाता है

मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि इस कदम से पंजाबियों के लिए प्रशासनिक सेवाओं तक अधिक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी और उन्हें रोजमर्रा के सरकारी कार्यों के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा। यह निर्णय व्यापक जनहित में त्वरित और अधिक सुविधाजनक सेवा प्रदान करने के लिए लिया गया है।

विशेष अध्यापक प्रशिक्षकों के लिए एकमुश्त राहत | Chandigarh News

मंत्रिमंडल ने समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत अनुबंध पर कार्यरत विशेष अध्यापक प्रशिक्षकों के लिए अधिकतम आयु सीमा में एकमुश्त राहत देने को भी मंजूरी दी है, ताकि उनकी सेवाओं को स्कूल शिक्षा विभाग, पंजाब में नियमित किया जा सके। यह निर्णय प्रशिक्षित और विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवाओं को बनाए रखते हुए विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करेगा। मंत्रिमंडल ने स्पष्ट किया कि इस कदम से सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।

पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887 में संशोधन

नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए मंत्रिमंडल ने पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887 में अपील प्रक्रिया से संबंधित संशोधनों को भी मंजूरी दी है। इन संशोधनों का उद्देश्य अनावश्यक मुकदमेबाजी को कम करना, मुकदमेबाजों का समय बचाना और गैर-मुकदमेबाजों को बेवजह की परेशानी से बचाना है। ये संशोधन डिजिटल रिकॉर्ड और डिजिटल हस्ताक्षरों को कानूनी मान्यता देंगे, नागरिक-अनुकूल और कागज-रहित रिकॉर्ड प्रणाली को मजबूत करेंगे तथा भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता लाएंगे।

मंत्रिमंडल ने बताया कि पंजाब सरकार ने भूमि से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए पहले ही ई-सेवा पोर्टल शुरू कर दिया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिक आसान और सिंगल-क्लिक प्रक्रिया द्वारा मूल विवरण जमा कर पारिवारिक विभाजन (खानगी तकसीम) के लिए आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह पहल भूमि सीमांकन को सुव्यवस्थित करने, विवादों का सहमति से समाधान करने, भूमि खरीद-बिक्री को सुगम बनाने, फसल नुकसान के लिए समय पर मुआवजा सुनिश्चित करने तथा जमाबंदी की प्रतियां प्राप्त करना आसान बनाने में सहायक होगी।

विशेष अध्यापक प्रशिक्षकों के लिए एकमुश्त राहत

मंत्रिमंडल ने समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत अनुबंध पर कार्यरत विशेष अध्यापक प्रशिक्षकों के लिए अधिकतम आयु सीमा में एकमुश्त राहत देने को भी मंजूरी दी है, ताकि उनकी सेवाओं को स्कूल शिक्षा विभाग, पंजाब में नियमित किया जा सके। यह निर्णय प्रशिक्षित और विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवाओं को बनाए रखते हुए विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करेगा। मंत्रिमंडल ने स्पष्ट किया कि इस कदम से सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। Chandigarh News

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