सरसा विश्व धरोहर दिवस अथवा विश्व विरासत दिवस हर वर्ष 18 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दिन को ‘स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पूरे विश्व में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के महत्त्व,उनके अस्तित्व के सम्भावित खतरों व उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता लाई जा सके।
वहीं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी ‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां ने ट्वीट कर लिखा कि… हमारी भारतीय🇮🇳 विरासत हमारे पूर्वजों, संस्कृति और परंपराओं के महान ज्ञान का एक वसीयतनामा है जिसने हमारे देश को महान बनाया। आइए हम अपने राष्ट्र को और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए अपनी विरासत और मूल मूल्यों की रक्षा करने का संकल्प लें। #विश्व विरासत दिवस
https://twitter.com/insan_honey/status/1648171250639052801
विश्व विरासत दिवस क्यों मनाया जाता है?
वर्ष 1982 में इकोमार्क नामक एक संस्था ने ट्यूनिशिया में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस का आयोजन किया तथा उस सम्मेलन में यह विचार भी व्यक्त किया गया कि विश्व भर में जागरूकता के प्रसार के लिए विश्व विरासत दिवस का आयोजन किया जाना चाहिए। इसके बाद 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव 1982 में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद् ने लाया। 1983 में संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की महा सभा के सम्मेलन में इसके अनुमोदन के बाद प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाने के लिए घोषणा की गई।
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