
Happy Mothers Day 2025 सच कहूँ, देवीलाल बारना कुरुक्षेत्र। इस समय भारत पाकिस्तान का युद्ध चला हुआ है। देश का हर नागरिक आज अपने दिल मे देशभक्ति को समेटे हुए हैं। हर भारतीय के मन है कि किस प्रकार वह देश की सेवा करे और पाकिस्तान जैसे आतंकी देश को धूल चटाए ताकि दुनिया से आतंकवाद का पूरी तरह खात्मा किया जा सके। भारतीय सेना मिशन सिंदूर चला रही है और पाक की हर कायराना हरकत का बदला ले रही है। वहीं दूसरी ओर आज मातृदिवस है और मातृदिवस पर उन माताओं का जिक्र न हो जिन्होने अपने लालों को देश की सरहद पर सेवा के लिए भेज दिया, तो सही नही होगा। कई माताएं तो ऐसी भी हैं जिन्होने अपने दोनो बेटों को सरहद पर देश की रक्षा के लिए भेज दिया। हरियाणा का ऐसा कोई गांव नही होगा, जिसमे से कोई सैनिक देश की सरहद पर सेवा न कर रहा हो। ऐसे ही कुरुक्षेत्र जिला का गांव बारना ऐसा गांव है, जहां अब तक सैंकडों लोग सेना मे अपनी सेवाएं दे रहे हैं या फिर सेवानिवृत्त होकर आ चुके हैं। वहीं कई माताओं ने अपने दोनो बेटों को ही सेना मे देश की सेवा करने के लिए भेज दिया।
जननी जने तो भगतजन कै दाता कै शूर… Happy Mothers Day 2025
जननी जने तो भगतजन कै दाता कै शूर, नही तो रहै बांझ ही काहे गवावै नूर… ये लाईनें गांव बारना की उन माओं पर स्टीक बैठती हैं जिन्होने ऐसी सन्तानों को पैदा किया जिन्होने पूरा जीवन ही देश सेवा मे ही लगा दिया। कहना जितना आसान है लेकिन सरहद पर दुश्मनों से लडऩे के लिए अपनेे बेटों को भेज देने के लिए कलेजा बड़ा चाहिए। गांव की स्व. छन्नो देवी पत्नी मियां सिंह ने अपने दोनो पुत्रों शंकर व सोनू को देश सेवा के लिए भेजा है। दोनो भाई आज भी सेना मे रहकर देश सेवा कर रहे हैं। ओमी देवी पत्नी हरिकृष्ण ने अपने दोनो बेटों बीरबल व अनिल को सेना मे भेजा, जोकि आज भी देश की सेवा कर रहे हैं। इतना ही नही इसी परिवार के गौरव पुत्र अंग्रेज सिंह भी देश सेवा कर रहे हैं। इनके अलावा इसी गांव की कांता देवी पत्नी पाला राम के दो बेटे सेना मे रहे हैं जिनमे से संजीव कुमार अब भी देश सेवा कर रहे हैं व चंद्रभान सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बारना गांव की माता ओमपति पत्नी अजमेर सिंह के पुत्र बलविंद्र कमांडो देश सेवा कर रहे हैं व इनके दूसरे पुत्र रणधीर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसी गांव की कमला देवी पत्नी बलवंत सिंह के पुत्र कृष्ण सेना मे रहकर देश सेवा कर रहे हैं व सुरजभान सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं गेजो देवी पत्नी बारू राम पुत्र रमेश और जसविंद्र दोनो ही बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स मे रहकर सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं।
आतंकियों के छक्के छुड़ाकर वीरगति को प्राप्त हो गए थे सुरेंद्र कुमार
गांव बारना के निवासी सुरेंद्र कुमार वर्ष 2001 मे जम्मू कश्मीर के गांव जंगलपुरा मे एक आतंकी मुठभेड मे कई आतंकियों का खात्मा कर वीरगति को प्राप्त हो गए थे। सुरेंद्र कुमार को उस वक्त दाहिनी कनपटी पर गोली लगी थी। इनके अलावा गांव के ही लक्खीराम 1989 नागालैंड क्षेत्र मे शहीद हो गए थे वहीं वर्ष 1990 मे हीरालाल भी जम्म कश्मीर मे ही डयूटी के दौरान एक दुर्घटना मे शहीद हो गए थे। वहीं गत वर्ष ही अश्वनी कुमार ने भी फौज की डयूटी के दौरान बीमारी के चलते देश सेवा करते करते वीरगति प्राप्त की। हर वर्ष उमंग संस्था द्वारा शहीदों की याद मे श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जाता है ताकि युवाओं मे देश प्रेम की मिशाल जलती रहे।