Uttarakhand Minority Education Bill 2025: देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा ने अल्पसंख्यक शिक्षा से संबंधित नया विधेयक पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद इसे सदन में पेश किया गया था। विपक्षी दलों के विरोध और हंगामे के बावजूद विधेयक को मंजूरी मिल गई। Uttarakhand News
नए प्रावधानों के तहत अब अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदायों के शिक्षण संस्थान भी इसके दायरे में आएंगे। विधानसभा में चर्चा के दौरान विधायक त्रिलोक सिंह चीमा के सुझाव पर धारा 14 (ठ) को हटाने का प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया गया।
सरकार के अनुसार, 1 जुलाई 2026 से उत्तराखंड मदरसा बोर्ड समाप्त कर दिया जाएगा और उसकी जगह उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन होगा। राज्य के सभी मदरसों सहित 452 से अधिक अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को इस नए प्राधिकरण से मान्यता लेनी होगी। मान्यता के लिए संस्थानों का अधिनियम में पंजीकरण और संपत्ति का स्वामित्व संबंधित संस्था के नाम पर होना अनिवार्य होगा।
सरकार का कहना है कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने, गुणवत्ता सुधारने और संस्थागत अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है। वहीं, कुछ धार्मिक संगठनों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि ऐसे विधेयक समाज में टकराव को जन्म दे सकते हैं। उनका कहना है कि किसी भी कानून का मकसद सभी वर्गों के साथ समान न्याय सुनिश्चित करना होना चाहिए, न कि किसी विशेष विचारधारा को बढ़ावा देना। Uttarakhand News
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