माया कौर इन्सां बनी सुनाम ब्लॉक की 22वीं शरीरदानी

Maya Kaur Insan sachkahoon

कर्म थिंद/खुसप्रीत जोशन, सुनाम उधम सिंह वाला। डेरा सच्चा सौदा सिरसा के अनुयायी अपने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर अमल करते हुए समाज में हर श्रेत्र में मिसाल कायम कर इंसानियत को जिंदा रखे हुए हैं। इसी कड़ी के अंतर्गत पूज्य गुरुजी की पवित्र शिक्षा पर चलते शुक्रवार को ब्लॉक सुनाम की एक डेरा श्रद्धालू के देहांत के बाद उसके द्वारा किए गए प्रण को पूरा करते हुए उसके पारिवारिक सदस्यों ने मृतक देह को मैडीकल रिसर्च के लिए दान कर दिया।

45 मैंबर बलदेव कृष्ण इन्सां, 25 मैंबर राजेश बिट्टू इन्सां और ब्लॉक भंगीदास छहबर सिंह इन्सां ने बताया कि माता माया कौर इन्सां (57) निवासी गाँव तूंगां ब्लॉक सुनाम आज अचानक अपनी स्वांसों रुपी पूँजी पूरी करके मालिक के चरणों में जा बिराजे हैं। उनके देहांत के बाद उनके पारिवारिक सदस्यों पति टहल सिंह इन्सां, बेटे गुरजंट सिंह इन्सां 15 मैंबर, हरमेश सिंह इन्सां, बेटियां किरणपाल कौर इन्सां और बेअंत कौर इन्सां ने उनकी अंतिम इच्छा अनुसार मृतक देह को जी. एस मैडीकल कॉलेज एंड अस्पताल पिलखुवा जिला हापुड़ (यू.पी) को मैडीकल रिसर्च के लिए दान कर दिया।

इस मौके पर विनती अरदास बोलने के बाद अर्थी को बेटियों ने कंधा दिया गया और (Body Donor) शरीरदानी माया कौर इन्सां अमर रहे के नारों के साथ मृतक देह को उनके निवास स्थान से काफिले के रुप में अंतिम विदाई दी। इस समय उनके पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि माता माया कौर इन्सां ने हमेशा पूज्य गुरुजी की शिक्षाओं पर चलते हुए मानवता की सेवा में लगे रहते थे। आज माता माया कौर इन्सां गांव तूंगां के दूसरे और ब्लॉक सुनाम के 22वें शरीरदानी बने हैं।

इस अवसर पर हल्का सुनाम कांग्रेस के इंचार्ज मैडम दामन थिंद बाजवा, सतपाल शर्मा डीएसपी संगरुर और फार्मेसी अफसर सुखविन्दर बबला ने पहुँचकर परिवार के साथ दुख सांझा किया और एंबुलेंस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर 25 मैंबर अमरिंद्र बब्बी इन्सां, ब्लाक भंगीदास छहबर सिंह इन्सां, सेवादार किशन इन्सां, गुलजार इन्सां शहरी भंगीदास, सभी पंद्रह मैंबर, सुजान बहनें, गाँवों के भंगीदास, अलग-अलग समितियों के जिम्मेदार भाई-बहनें, ब्लॉक की साध-संगत, रिश्तेदार, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

शरीरदान से बड़ा कोई दान नहीं : बाजवा

मैडम दामन थिंद बाजवा ने बातचीत करते कहा कि यह बहुत बड़ा प्रयास है और वह इस परिवार को सलाम करते हैं, जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा की प्रेरणा पर चलते हुए इतना बड़ा फैसला किया है जो कि मानवता की तरक्की के लिए है क्योंकि लंबे समय से विज्ञान को खोज करने के लिए मानवीय शरीर की जरुरत होती है। यह परिवार की तरफ से बहुत बड़ा दान किया गया है। उन्होंने कहा कि वह डेरा सच्चा सौदा संस्था की प्रेरणा और परिवार की तरफ से किए गए इस कार्य की प्रशंसा करते हैं और मानवता के भले के लिए शरीरदान करने के लिए वह परिवार का धन्यवाद भी करते हैं।

फार्मेसी अधिकारी सुखविन्दर बबला ने कहा कि आज के समय में शरीरदान से बड़ा कोई दान नहीं है। उन्होंने कहा कि जीते-जी तो बहुत व्यक्ति होते हैं, जो मानवता भलाई और मानवता के लिए काम करते हैं, परन्तु बहुत थोड़े इंसान होते हैं जो कि इस दुनिया से जाने के बाद भी अपना शरीर समाज सेवा के लेखे लगा देते हैं।

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