विद्यार्थियों को दिया जा रहा है सूखा राशन
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सरकारी स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मील की वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन डाली गई पूरी राशि लैप्स हो गई है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन मिड डे मील राशि के बिल तो बन गये, लेकिन बिल स्वीकृत नहीं हुये। इसकी के साथ राशि एफडी में चल गई।
इससे अंतिम दिन डाली गई 3 करोड़ 87 लाख, 61031 रुपये की राशि लैप्स हुई है। जबकि पूरे वित्तीय वर्ष में करीब 3 करोड़ 91 लाख रुपये की राशि लैप्स हुई है। कोविड 19 के चलते सरकारी स्कूलों में अभी मिड-डे-मील नहीं बनाया जा रहा है। स्कूलों में प्राइमरी व अपर प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थियों को सूखा राशन ही दिया जा रहा है।
शिक्षा विभाग ने 31 मार्च तक सूखा राशन ही देने के लिए निर्देश दिए थे। जिसके लिए शिक्षा विभाग ने बजट भी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिया गया। गौरतलब है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड डे मील दिया जाता है।
ये मिलती है मिड-डे-मील की राशि
स्कूलों में प्राइमरी कक्षा के बच्चों को 4.97 रुपये प्रतिदिन व अपर प्राइमरी के लिए 7.45 रुपये प्रति विद्यार्थी दी जाती है। इसी के साथ सूखा राशन के अतिरिक्त प्राइमरी व अपर प्राइमरी के बच्चों मिल्क पाउडर भी दिया जाएगा। प्राइमरी के प्रत्येक बच्चे को पांच किलो 50 ग्राम गेहूं तथा चार किलो 50 ग्राम चावल उपलब्ध करवाए करवाया जा रहा है। वहीं राशन पकाने के 44 रुपये 80 पैसे भी बच्चे के खाते में जमा करवाने होते हैं।
‘‘सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के तहत मिली करीब 3 करोड़ 91 लाख रुपये की राशि लैप्स हो गई है। इसमें से वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन डाली 3 करोड़ 87 लाख रुपये की राशि भी शामिल है। जल्द ही दोबारा राशि जारी हो सकती है।
-आत्मप्रकाश मेहरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सरसा।
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