जयपुर में चढ़ा रूहानी रंग, 50 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे

80 एकड़ में 7 पंडाल खचाखच भरे, प्रबंध पड़े छोटे, लाखों लोगों ने नशा छोड़ने का लिया प्रण

जयपुर/बरनावा। राजस्थान की गुलाबी नगरी शनिवार के सफाई महा अभियान के बाद रविवार को रूहानियत की चमक से और गुलाबी हो गई। पूरा महानगर आज राम-नाम, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड के रंग में रंगा नजर आया। एमएसजी महा रहमोकर्म माह के पावन भंडारे दौरान पूज्य गुुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां 50 लाख से अधिक की संख्या में पहुंचे डेरा श्रद्धालुओं को अपने पावन अनमोल वचनों से निहाल किया।

महानगर के विभिन्न हिस्सों में 80 एकड़ से अधिक रकबे में बनाए गए 7 पंडाल भी साध-संगत व नशा छोड़ने आए लोगों के जनसमूह के सामने छोटे पड़ गए। साध-संगत के जनसमूह को देखते हुए जयपुर में स्टैचू सर्किल, हाऊसिंग बोर्ड ग्राऊंड, शिप्रा पथ थाने के सामने, मानसरोवर, विद्याधरनगर स्टेडियम, सांगानेर पुलिया के नजदीक रेलवे स्टेशन, रूह-ए-सुख आश्रम, दौलतपुरा, सांगानेर स्टेडियम व चोखी ढानी के नजदीक, बीलवा जयपुर में पंडाल बनाए गए।

एमएसजी महा रहमोकर्म माह का शुभ भंडारा आज नशे से बदहाल लाखों लोगों के लिए तन्दरुस्ती व खुशहाली की सौगात लेकर आया। भंडारे के शुभ अवसर पर महान समाज सुधारक व रूहानी रहबर पूज्य गुुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने नशे के आदी लाखों लोगों को नाम-शब्द, गुरूमंत्र की दात देकर नशों से मुक्त जिन्दगी जीने का प्रण करवाया।

इस मौके बड़ी संख्या में दुकानदारों ने पूज्य गुुरु जी की प्रेरणा से अपनी दुकानों पर बीड़ी, सीगरेट सहित तम्बाकू जैसी घातक वस्तुएं आगे से कभी भी न बेचने का प्रण लिया। पावन भंडारे पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने देश में चिट्टा, स्मैक व शराब सहित घातक नशों के पसरने से मर रही युवा पीढ़ी की दुर्दशा का जिक्र करते युवाओं को नशे के कोढ़ से बचने के लिए राम, अल्लाह, वाहेगुरू के नाम, सुमिरन, अच्छी खुराक व जागरूकता का सहारा लेने का जोरदार आह्वान किया।

आप जी ने भावुक अपील करते नशे का काला कारोबार करने वालों को नशा बेचना छोड़कर अच्छा कारोबार करने की अपील की ताकि वह नशे कारण मर रहे युवाओं की माताओं की बद्दुआओं से बचें व दुआएं लेकर सुकून भरी जिंदगी व्यत्तीत करें। पूज्य गुरु जी की इस अपील का तुरंत असर भी सामने आया। इसी दौरान नशा करने वाले युवाओं ने खड़े होकर नशों से हुई अपनी बर्बादी कहानियां भी बताई व पूज्य गुरु जी से नशे छुड़वाने के लिए कहा। इसके साथ ही दुकानदारों ने भी नशा न करने का प्रण लिया।

झलकियां

  • दोपहर एक बजे तक खचाखच भर गए 7 पंडाल
  • पार्किंग की रही उत्तम व्यवस्था
  • 5 हजार से अधिक बसें, 8 हजार से अधिक कारें जीपें, हजारों कैंटर, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों व बसों-रेलगाड़ियों से पहुंची साध-संगत
  • दुकानदारों ने नशीले पदार्थों की बिक्री छोड़ी
  • साध-संगत को बांटा गया मट्ठियां-गुलगुलों का प्रसाद

नशा बेचना छोड़कर करें अच्छा कारोबार भगवान बरकत देगा : पूज्य गुरू जी

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा यूपी से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया कि हमें एक ही बात चाहिए कि पूरे समाज में प्यार-मोहब्बत की गंगा बहे। सबकी काया निरोगी हो, ताकि राम, ओउम्, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, खुदा, रब्ब से जुड़कर हर कोई तमाम उस परमानंद को पा सके, जो हमारे पवित्र धर्मों में, सभी पवित्र ग्रन्थों में लिखा हुआ है। आपजी ने फरमाया कि इलाके में हमारा घर बड़ा था तो लोगों ने हमसे बहुत कहा कि आप सरपंच बन जाओ। हमने कहा कि हमारा इन चीजों से कोई वास्ता नहीं।

क्योंकि पांच साल की उम्र में ही गुरु जी से जुड़ गए थे। फिर धीरे-धीरे कुछ लोगों ने ये भी कहा कि आप एमएलए या एमपी की कोई टिकट ले लो। तो हमने उनसे भी हाथ जोड़े और कहा कि हमारा इंटरेस्ट सिर्फ ओउम् में है, उस भगवान में है, अल्लाह, वाहेगुरु, खुदा, गॉड, राम में है, उसकी याद में है। और भला करना हमारी फितरत थी, क्योंकि हमारे फादर साहब भी लोगों का भला करते थे, नैच्युरली गुरु जी से जुड़े थे तो गुरु जी को देखकर तो कहना ही क्या, उनकी तो कोई तुलना हो ही नहीं सकती। तो उन्होंने जो शिक्षा दी उसके अनुसार वहां पर भला करते रहे। फिर आश्रम में आए, तो हमारा कल भी यही मकसद था, आज भी है और कल भी रहने वाला है, कि हमारा फ़र्ज एक चौकीदार की तरह, एक सेवादार की तरह पूरे समाज की सेवा करना है। हम तो आपके नौकरों के भी नौकर हैं, क्योंकि वो भी हमें कहेंगे कि हमारे लिए प्रार्थना कीजिये, दुआ कीजिये तो यकीन मानिये हम उनके नौकर बनकर भगवान के चरणों में दुआ करेंगे, अरदास करेंगे, प्रार्थना करेंगे।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमें मान-बड़ाई की कभी चाह नहीं रही। ऊँचा बैठना मजबूरी हो जाती है, क्योंकि सामने वाले जितने भी लोग होते हैं, क्योंकि विज्ञान के स्टूडेंट भी हम रहे, मनोविज्ञान है कि बोलने वाला दिखेगा नहीं तो सुनने वाले देखेंगे जरूर, हलचल मच जाती है। दूसरी बात धर्मों की बात, धर्मों में लिखा कलियुग में जब लोग, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम का नाम सुनेंगे तो वो देवी देवता उनमें दर्शन देंगे या भगवान जी दर्शन देंगे। तो आपके दर्शन करने के लिए भी हम ऊँचे बैठते हैं। और हमें कोई मान बड़ाई की चाह ना थी, ना है। समाज भलाई का जुनून कल भी था, आज भी है और आगे बढ़ता ही रहेगा। दिमाग में यही है कि समाज का भला करना है, हर तरीके से करना है।

कोई चाह रखकर नहीं, कोई बड़ाई रखकर नहीं, कोई झंडा लहराने का नहीं, कुछ ऐसा करने का नहीं। बस एक ही मकसद समाज का भला करना है। हर धर्म, मजहब, जात के लोग अपने-अपने धर्म को मानें, ऊँच-नीच का भेदभाव मिट जाए, हर कोई प्यार से रहे, कोई नफरत ना करे, कोई झगड़ा ना करे, बस ये मालिक से हमेशा यही दुआएं करते रहते हैं। गुरु जी ने ये ही प्यार-मोहब्बत का मार्ग हमारे लिए बनाया है। उन्होंने साफ लिखा है ‘इस जन्म में ये दो काम करो, एक नाम जपो और प्रेम करो, किसी जीव का दिल ना दुखाना कभी, मौत याद रखो मालिक से डरो।’ इसमें पूरा सच्चा सौदा का मिशन आ जाता है।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इस जन्म में ये दो काम करो, पहला-राम, ओउम, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा रब्ब का नाम जपो। दूसरा-उसकी बनाई सृष्टि से नि:स्वार्थ भावना से प्रेम करो। किसी का दिल ना दुखाओ कभी, टोंट ना कसो, चुगली निंदा ना करो, बुरा ना कहो किसी को, किसी के बीच में से बात मत निकालो। तो किसी जीव का दिल ना दुखाना कभी, हाँ, अगर आपके वचन टूट रहे हों और आपको लग रहा है कि भई इसका दिल दुखेगा तो ये आपकी सोच है, मन की सोच है। वचनों पर ठोक कर पहरा देना चाहिए। उसके अलावा कभी अपने कर्मों से कभी किसी का दिल ना दुखाओ। मौत याद रखो, मालिक से डरो, कि इस दुनिया से जाना है और डरने के लिए ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब एक ऐसी ताकत है, एक ऐसी शक्ति है जिससे हर किसी को डरकर ही रहना चाहिए।

तभी ज़िंदगी में खुशियां आती हैं, तभी अहंकार चला जाता है, दीनता-नम्रता आती है। तो इसलिए भक्तजनों आज सतगुरु मौला का वो महीना चल रहा है, जिसमें पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को गुरगद्दी पर बैठाया। और दाता, रहबर हमारे मालिक पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज गुरगद्दी पर आए और फिर उन्होंने एमएसजी बनाया। अपनी सेवा के लिए ये शरीर तैयार किया और आज वो ही करवा रहे हैं, कल भी वो ही करवा रहे थे और आगे भी वो ही करवाएंगे।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि कई लोग सोच लेते हैं कि संतों पर ऐसा क्यों होता है? विधि का विधान, सतगुरु का खेल होता है, वो जाने उसका काम जाने, रजा में राजी सो मर्द गाजी। रजा में रहना फकीरों का काम होता है, जैसा वो रखे, जैसे वो नचाए, कठपुतली वैसे नाचती है। तो हम तो कठपुतली सी हैं, रामजी, हमारे शाह सतनाम, शाह मस्तान जी जैसा चला रहे हैं भगवान, वैसा चल रहे हैं। फर्ज है, कर्तव्य है सच बोलकर आपकी सेवा कर सकें, ये ज़िंदगी भर जुड़ा रहेगा और कोई चाह, कोई इच्छा दिलोदिमाग में नहीं है। बस समाज का भला हो, समाज खुश रहे, ये मालिक से दुआ करते रहते हैं।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ऋण नहीं उतार सकते अपने परमपिता परमात्मा का, सतगुरु मौला का, जिसने नरक जैसी ज़िंदगी को स्वर्ग से बढ़कर बनाया, ऐसे आज छह करोड़ बच्चे हैं, जिनमें 60-70 पर्सेंट ऐसे नौजवान हैं, जो नशे से जुड़े हुए थे, नशे की वजह से बर्बाद हो गए थे। घर नरक बन गया था, घर-जायदाद सब बिक चला था, शरीर खत्म हो चला था। बच्चों ने हमें आॅनलाइन भी दिखाया, पहले भी आया करते थे, मिला करते थे। आज भी दिखाते हैं कि उनके शरीर की नाड़ियां काली पड़ गई, क्योंकि एक इंजैक्शन लगाने में कितना डर लगता है, हकीकत है इतनी बड़ी सुई देखकर डर लगेगा ही लगेगा कि अंदर जाएगी।

माइंड पहले ही सोच लेता है, गड़बड़ हो जाती है, दर्द होना शुरू हो जाता है बिना सुर्इं चुभाए। और वो रोज अपनी नाड़ियों में कितने-कितने इंजैक्शन ठोकते हैं या जो भी वो गोलियां वगैरह खाते हैं या किसी भी तरह का नशा करते हैं, अरे मेडिकल सार्इंस में भी शायद ही कोई ऐसी दवाई बनी हो, खास करके इंग्लिश दवाइयों में जिसका साइड इफैक्ट ना होता हो, बड़ा मुश्किल है। कुछ ना कुछ साइड इफैक्ट होता रहता है। तो ये तो वो नशा कर रहे हैं, जिसका 100 पर्सेंट ही साइड इफैक्ट होता है। फायदा इतना कि थोड़ी देर के लिए उनको लगता है कि मैं मदहोश हो गया, मैं सारा कुछ भूल गया, मेरे गम, चिंता, टैंशन सारी चली गई। नहीं बच्चो ये आपका भ्रम है, गम चिंता गई नहीं, बल्कि आपने और बढ़ा ली।

जितनी देर नशा है, आप उसको भूलना चाह रहे हैं, लेकिन कई बार वो नशे में दोगुनी-चौगुनी भी हो जाती है। ना सोते बनता है, ना लेटते बनता है, ना बैठते बनता है, ना चलते बनता है और एक दिन ऐसा आ जाता है कि चहुंओर बर्बादी हो जाती है। कल हम राजस्थान से जुड़े हुए थे वहां भी बच्चों ने बताया एक जगह कि गुरु जी यहां ऐसा-ऐसा नशा करते रहते हैं, फिर सब कुछ बर्बाद हो जाता है और लास्ट में कई बच्चे आत्महत्या कर गए। बड़ा भयानक दर्द हुआ।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आप कहते हैं कि मैं तो शुद्ध शाकाहारी हूँ, चींटी भी नहीं मारता। नहीं मारता होगा जाहिरा तौर पर, लेकिन इंडायरेक्टली जहर देकर कितनों को मार रहा है ये कभी तुने कैलकुलेशन किया है। हे नशे के व्यापारियों, हे दुकानदारों जो नशा रखते हो, हाथ जोड़कर प्रार्थना, आपको शायद मालूम नहीं आप अनजाने में जहर बेच रहे हैं। फिर आप कहते हो कि भई हमें कौन सा इसका फल मिलना है। जहर आप दो, फल पड़ोसी को नहीं मिलेगा , आपको ही मिलेगा, और हमसे लिखवा कर ले लो, जैसा कर्म कोई करता है, वैसा फल उसे भोगना पड़ता है।

आपके जहर देने से जो बच्चे मरणासन्न पड़े हैं या मर रहे हैं, चाहे बाहरी तौर पर आपको कुछ ना कहे, पर भगवान के यहां दर्ज हो गया कि आपने एक उस अमूल्य जान को खत्म कर दिया, जो हो सकता है जीते जी भगवान को पा जाती, हो सकता है आवागमन से मुक्त हो जाती। हो सकता है समाज में पता नहीं कितना अच्छा कर्म करके समाज को सुखी कर जाती और हो सकता है पूरी दुनिया को कुछ अज़ूबा दे जाती। तो हे बहनों, भाइयों, जो दुकानदार से लेकर बड़े रुतबे वाले भी होंगे, बुरा ना मनाना, हाथ जोड़कर प्रार्थना कि छोड़ दीजिये इस नशे के व्यापार को।

कर लीजिये कोई ढंग का व्यापार, जहर देना बंद कर दीजिये। ये जहर जब नस-नस में जाता है तो वो बच्चा तड़पता है तो माँ की बद्दुआएं निकलती हैं और कहते हैं कि ये धर्मों में लिखा है कि, हमारे पाक-पवित्र वेदों में, पाक पवित्र कुरान शरीफ में, पाक पवित्र गुरबाणी श्री गुरुग्रंथ साहिब जी में, पाक पवित्र बाइबल में, जो लिखा है संत फकीरों और ऋषि मुनियों का एक-एक अक्षर सच है कि अगर आप किसी को जहर दोगे तो उसकी माँ, उसके परिवार जन जो दुआएं या बद्दुआएं देंगे वो यकीनन लगेंगी, थोड़ा-आगे पीछे हो सकता है, लेकिन उसका असर लाजिमी होगा और आपको भोगना पड़ेगा। तो बद्दुआओं की बजाय आप दुआएं लें। श्राप की जगह आप आशीर्वाद लें। अच्छे कर्म कीजिये।

पूज्य गुुरु जी के वचन

  • हमारी दिलचस्पी सिर्फ राम, वाहेगुरू, अल्लाह के नाम में
  • हमें कोई मान बड़ाई की चाह ना थी, ना है
  • समाज भलाई का जुनून कल भी था, आज भी है और आगे बढ़ता ही रहेगा
  • दिमाग में यही है कि समाज का भला करना है, हर तरीके से करना है
  • ल्ल परमात्मा से जुड़ कर ही पाया जा सकता है परमानंद

बाल विवाह रोकने का किया आह्वान

पूज्य गुरु जी ने सत्संग के दौरान बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को खत्म करने का आह्वान किया, जिस पर उपस्थित साध-सगंत ने हाथ उठाकर संकल्प लिया।

राजस्थानी भजन की धूम

एमएसजी महारहमोकर्म शुभ भंडारे की बधाई देते हुए पूज्य गुरु जी ने राजस्थानी भजन ‘प्यारे, प्यारे, म्हारे प्यारे गुरू जी जान से प्यारा म्हारा गुरू जी’ सुनाकर उपस्थित जनसमूह को झूमने पर विवश कर दिया।

झलकी राजस्थानी संस्कृति

जयपुर में हुए भंडारे दौरान राजस्थानी संस्कृति ने खास रंग बिखेरा। पूज्य गुरु जी के स्वागत में राजस्थानी गीत ‘शाह सतनाम जी थारा म्हारी गली में आया’ ने सभी का मन मोह लिया। इन लोक गीतों में कच्छी घोड़ी व कठपुतली नृत्य खास आकर्षण का केन्द्र रहे।

नशों के खिलाफ पूज्य गुरु जी की एक और पहल

‘मेरे देश की जवानी’ गीत यू-ट्यूब पर लांच

बरनावा। देश के युवाओं को नशे के चंगुल से बाहर निकालने के लिए डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां निरंतर प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में रविवार को पूज्य गुरु जी ने ‘मेरे देश की जवानी’ गीत यू-ट्यूब पर लांच किया, जो चार मिनट 20 सैकिंड का है। इस गीत की खास बात यह है कि यह युवाओं में देश के प्रति जोश और जज्बा पैदा करता है। गीत लांच होने के चंद मिनटों बाद ही जहां प्रत्येक वर्ग द्वारा पसंद किया जा रहा है वहीं यू-ट्यूब पर खूब लाइक मिल रहे हैं।

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