नेपाल के इस शहर में डेरा श्रद्धालुओं कर दिया कमाल

गरुड़ा/नेपाल (सच कहूँ न्यूज)। परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन अवतार माह की खुशी में ब्लॉक गरुड़ जिला रौतहाट, नेपाल की साध-संगत ने नामचर्चा का आयोजन किया गया। नामचर्चा की शुरूआत पवित्र नारा ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ लगाकर की। इसके बाद क्रमवाइज कविराजों ने शब्दवाणी की। नामचर्चा के दौरान मानवता भलाई के कार्य करने का संकल्प लिया। आपको बता दें कि पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए गए 147 मानवता भलाई के कार्य साध-संगत निरंतर कर रही है। नामचर्चा के दौरान 10 जरूरतमंद परिवारों को गर्म कंबल वितरित किए गए।

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सच्चा सौदा क्या है पूज्य गुरु जी ने बताया विस्तार से

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि सच्चे सौदे का मकसद क्या है? सच्चा, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम है। वो सच था, सच है और सच रहेगा। वो ना बदला था, ना बदला है, ना कभी बदलेगा, जिसे ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड कहा जाता है। तो सच्चा तो हो गया परमात्मा। सौदा, बिजनेस, व्यापार, कौन सा सौदा? सौदे से लगता है सौदेबाजी चलती है, जी हाँ, जहां चलती है कौन सी सौदेबाजी, आप अपने बुरे कर्म ले आओ, अपनी बुरी आदतें ले आओ, वो जो आप नशे के आदी हो गए हैं, अपने पाप गुनाह ले आओ और ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु की कृपा से, शाह सतनाम, शाह मस्तान जी की कृपा से यहां दे जाओ, बदले में अनमोल राम का नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड का नाम ले जाओ।

जो घर में बैठकर जितना जाप करते रहोगे, जितना उसे लगाते रहोगे दिलोदिमाग, रूह पर उतना ही चेहरे पर नूर आएगा, घर में बरकतें आएंगी, बिजनेस व्यापार, जो भी काम-धंधा आप करते हैं, उनमें आपको और तरक्कियां हासिल होंगी। तो ये है सच्चा सौदा। यहां पर ओर चढ़ावा नहीं, ये चढ़ावे चढ़ते हैं। क्या कोई पैसे की बात नहीं होती? जी बिल्कुल होती है, प्रेरित किया जाता है सच्चा दान करने के लिए, सच्चा दान कौन सा है? क्योंकि हमारे सभी धर्मों में दान निकालने की प्रथा है। कोई तीसरा, कोई सातवां, कोई दसवां, कोई पन्द्रहवां निकालने की चर्चा करते हैं हमारे संत-पीर, पैगम्बर, गुरु साहिबान, महापुरुष और उन्होंने सही कहा, सच कहा। समय के अनुसार रेशो (अनुपात) कम-ज्यादा होता रहा, लेकिन वो सच है।

100 में से एक रुपया निकालो, 10 निकालो, 15 निकालो, 20 निकालो, जितना आप निकाल सकते हो। उसको निकालो और अपने घर में रख लो। या तो कोई संत सतगुरु पूर्ण हो, वो कहे फलां जगह लगाओ, वो कहां लगवाता है? बेसहारों का आसरा बनवाओ। दीन-दुखियों का इलाज करवाओ, जो पढ़ नहीं पा रहे दुनियावीं ज्ञान के साथ-साथ उन्हें राम के नाम से जोड़ो, नशेड़ियों का नशा छुड़वाओ, ऐसी जगह बनाओ जहां आकर लोग राम-नाम गा सकें। इस दौरान ट्रैफिक, पेयजल, लंगर-भोजन सहित सभी समितियों के सेवादारों ने अपनी ड्यूटियों को बखूबी निभाया।

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