अब ऐलनाबाद और कालका पर राजनैतिक पार्टियों की नजर

Panchayat Election

जल्द हो सकता है दोनों विधानसभाओं में उपचुनाव (Bye election)

चंडीगढ (सच कहूँ ब्यूरो)। हरियाणा में बरोदा के बाद फिर उपचुनाव की आहट है। प्रदेश की दो सीटें खाली होने के बाद ये नौबत आई है। ऐलनाबाद और कालका दो विधानसभा सीटें खाली होने के बाद उपचुनावी सरगर्मियां तेज होती दिख रही हैं। कालका सीट से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद कर दी गई है तो ऐलनाबाद के विधायक इनेलो के अभय चौटाला ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया है। इससे पूर्व बरोदा विधानसभा सीट पर हाल ही में उपचुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया।

ऐलनाबाद में भाजपा आज तक एक भी चुनाव नहीं जीत पाई

ऐलनाबाद सरसा जिले की बहुचर्चित विधानसभा सीट है, जबकि कालका पहले अंबाला का हिस्सा होता था, मगर बाद में पंचकूला व कालका दो अलग-अलग सीटें बन गई। (Bye election) ऐलनाबाद में अक्सर इनेलो चुनाव जीतता रहा, जबकि कालका में कांग्रेस व इनेलो का कब्जा रह चुका है। ऐलनाबाद में भाजपा आज तक एक भी चुनाव नहीं जीत पाई, जबकि कालका में पिछले चुनाव में भाजपा ने यहां पहली बार जीत का परचम लहराया था।

  • कालका से पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं।
  • पिछला चुनाव इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप चौधरी ने जीता था।
  • जिसमें उन्होंने भाजपा की विधायक लतिका शर्मा को हराया था।

इसी तरह ऐलनाबाद में 1982 के बाद हुए नौ विधानसभा चुनाव में आठ इनेलो ने जीते हैं। भाजपा ने पवन बैनीवाल को दो बार टिकट दिए, लेकिन अभय चौटाला के मुकाबले वह जीत दर्ज नहीं करा सके। यह दोनों सीटें ऐसी हैं, जहां इस बार राजनीति के नए रंग देखने को मिलेंगे। (Bye election) सीटें खाली होने के छह माह के भीतर इन दोनों स्थानों पर उपचुनाव होना है। इसलिए इस बात की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि चुनाव के दौरान कुछ नेताओं की टिकट के लिए राजनीतिक आस्थाएं भी बदल सकती हैं।

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