ग्लोबल रिसर्च ग्रुप आफ इंस्टिट्यूट में हुआ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन

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Radour ग्लोबल रिसर्च ग्रुप आफ इंस्टिट्यूट में हुआ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन

रादौर (सचकहूं/लाजपतराय) । ग्लोबल रिसर्च ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रादौर, यमुनानगर में ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी (GRIP) ‘नेशनल टेक्नोलॉजी डे ‘ पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन किया गया।यह कॉन्फ्रेंस हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर साइंस इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (DST) हरियाणा सरकार के संरक्षण में आयोजित की गई और सोसाइटी ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (SPER) के सहयोग से संपन्न हुई। इस कॉन्फ्रेंस का थीम “यंत्र : युगांतर फॉर एडवांसिंग न्यू टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड एक्सलरेशन” रखा गया। “इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य – वैज्ञानिक समुदायों के बीच विचारोत्तेजक चर्चा को प्रोत्साहित करना तथा शैक्षणिक एवं औद्योगिक क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग के पेशेवरों के बीच अद्वितीय सहयोग को बढ़ावा देना एवं प्रतिभागियों को पेटेंट प्रक्रिया , बौद्धिक संपदा अधिकार, नवीनतम शोध तकनीकों के विषय में जानकारी देना था।इस कार्यक्रम द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और तकनीक के प्रति उत्साही व्यक्तियों को आकर्षित किया गया, जिससे महत्वपूर्ण संपर्क, सहयोग और छात्रों के लिए भावी कैरियर के द्वार खुले हैं।

इस कार्यक्रम से छात्रों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अभियांत्रिकी के प्रति रुचि बढ़ी है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, विशेष अतिथियों एवं संस्थान चेयरमैन द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसके बाद सभी अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया गया। ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के प्रिंसीपल डॉ अश्वनी कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों, वक्ताओं , विशेषज्ञों का अभिनंदन किया और कहा कि यह मंच विचारों के नव निर्माण का ,अनुसंधान के नवोदय का और उस आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होने का है ,जो विश्व में ज्ञान और तकनीक का पथप्रदर्शक बने। ‘यंत्र: युगांतर’ हमें केवल नई सोच नहीं देता, बल्कि उसे साकार करने की क्षमता भी प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इस सम्मलेन में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू एंड कश्मीर, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से वक्ताओं एवं छात्रों ने भाग लिया है, जोकि संस्थान के लिए गर्व की बात है।संस्थान चेयरमैन सीए एसके जिंदल जी एवं वाइस चेयरपर्सन श्रीमती इंदु जिंदल ने कहा कि इस प्रकार की कॉन्फ्रेंस केवल एक पहल नहीं, बल्कि भारत के नवाचार पथ पर एक नए युग का प्रारंभ है, जहाँ विज्ञान, तकनीक और युवा ऊर्जा का संगम हमारे भविष्य को एक नई दिशा देने को तत्पर है।इस अवसर पर विशेष अतिथि प्रो (डॉ.) हरीश दुरेजा, डीन, रिसर्च एंड डेवलेपमेंट, फैकल्टी ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज़, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक ने अपने विचार सांझा किए। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सही इस्तेमाल के बारे में छात्रों को जागरूक किया।

इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर में प्रो.(डॉ.) शैलेश शर्मा, प्रिंसिपल, एएसबीएएसजेएसएम कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, बेला, रोपड़, डॉ राहुल तनेजा , साइंटिस्ट DST, हरियाणा, प्रो.(डॉ.) कुमार गौरव, प्रिंसिपल, जीजीएस कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, यमुनानगर, डॉ. विशाल चक्करवार, एमडी, के एंड ई प्राइम एडिटर, महाराष्ट्र, डॉ. अभिषेक बुद्धिराजा, प्रमुख मेडिकल राइटर,मर्क केजीएए, डार्मस्टाड्ट, जर्मनी शामिल थे। इन सभी ने फार्मास्युटिकल सेक्टर में विज्ञान एवं अनुसंधान आधारित प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला।विशेष अतिथि एवं सभी गेस्ट ऑफ ऑनर द्वारा कार्यक्रम में कॉन्फ्रेंस सोवेनियर, फार्मा क्रॉनिकल वॉल्यूम तीन और ग्रीम्ट इनसाइट्स वॉल्यूम दो का विमोचन किया गया।कॉन्फ्रेंस में प्रख्यात कीनोट स्पीकर्स ने अपने ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किए। इनमें डॉ कुनाल नेपाली, एसोसिएट प्रोफेसर, ताइपे मेडिकल यूनिवर्सिटी, ताइवान , जिन्होंने डीएनए डैमेज रिपेयरिंग और पीएआरपी के बारे में पीपीटी प्रेजेंटेशन दी तथा डॉ दीपक शर्मा , एसोसिएट प्रोफेसर,आईआईटी, बीएचयू, वाराणसी शामिल थे।इस सम्मेलन में 50 से अधिक रिसॉर्स पर्संस शामिल हुए जिनमें प्रो.(डॉ.) विनोद गौतम, एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, डॉ. समीर सप्रा, एमडी, फिजिक हर्बल्स, रामपुरा, डॉ. आकाश जैन,मुलाना, प्रो. (डॉ.) लवकेश भाटिया, बाबैन, प्रो. (डॉ.) सौरभ मान, प्रो. (डॉ.) दिव्या किरण, प्रो.(डॉ.) अरुण मित्तल, प्रो.(डॉ.) गौरव अग्रवाल आदि प्रमुख रहे।इसके बाद टेक्निकल सेशन रखा गया ।सभी विशेषज्ञों द्वारा पैनल डिस्कशन किया गया। ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी द्वारा विभिन्न संस्थानों एवं संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

इनमें प्रमुख के एंड ई प्राइम एडिटर प्राइवेट लिमिटेड, इनोवेशनल पब्लिशर्स, इनवेंटा लाइफ रिसर्च सॉल्यूशंस रहे । ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ लक्ष्य अग्रवाल ने बताया कि संस्थान ने इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए एयरोविज़न ड्रोन लैब को स्थापित किया है— जो AVPL इंटरनेशनल और AICTE द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा में व्यावहारिक प्रशिक्षण द्वारा क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इस लैब के माध्यम से छात्र ड्रोन तकनीशियन,किसान ड्रोन संचालन, बैटरी सेवा तकनीशियन का कोर्स कर सकते हैं।एयरोविजन ड्रोन लैब केवल एक प्रयोगशाला नहीं है – यह नवाचार, आत्मनिर्भरता और उन्नत तकनीक की दिशा में एक सशक्त कदम है।सम्मेलन की पोस्टर / ओरल प्रेजेंटेशन और मॉडल प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र रही।पोस्टर प्रेजेंटेशन में पहला पुरस्कार चितकारा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फार्मेसी(हिमाचल प्रदेश) ने जीता।दूसरा पुरस्कार ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी(रादौर) को मिला, जबकि तीसरा पुरस्कार सीटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी (शाहपुर, जालंधर) ने हासिल किया।

मॉडल प्रेजेंटेशन में प्रथम ओर द्वितीय स्थान पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ने प्राप्त किया तथा तीसरा स्थान ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी से आदित्य एंड टीम ने हासिल किया।इस कार्यक्रम में 500 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी रही। अंत में वैलेडिक्टरी सेशन रखा गया, जिसमें छात्रों ओर वक्ताओं ने कॉन्फ्रेंस के विषय में अपने अपने विचार सांझा किए।इस अवसर पर शैक्षणिक सफलता के लिए प्रियंका और अनु को एप्रिसिएशन सर्टिफिकेट दिया गया।इस कॉन्फ्रेंस की कोऑर्डिनेटर डॉ. नेहा यादव ने सबके समक्ष कॉन्फ्रेंस रिपोर्ट प्रस्तुत की और कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों, वक्ताओं, विशेषज्ञों एवं आयोजन समिति को धन्यवाद दिया एवं कार्यक्रम सेक्रेटरी डॉ स्मिता के प्रयासों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सराहा।उन्होंने कहा कि ‘यंत्र : युगांतर’ जैसे मंच न केवल विज्ञान और तकनीक के नए क्षितिज खोलते हैं, बल्कि युवाओं को अनुसंधान, नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरित भी करते हैं।