SL Bhyrappa Dies: बेंगलुरु। सुप्रसिद्ध कन्नड़ उपन्यासकार एवं विचारक एस.एल. भैरप्पा का बुधवार, 24 सितम्बर को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। हृदयगति रुकने के कारण उन्होंने बेंगलुरु के राष्ट्रोत्थान अस्पताल में अंतिम साँस ली। अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी वक्तव्य में बताया गया कि दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर भैरप्पा जी ने देह त्याग किया। उन्हें साहित्य जगत में एक उच्च स्थान प्राप्त था। उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और सरस्वती सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाज़ा गया था। SL Bhyrappa
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि “भैरप्पा जी का जाना भारतीय साहित्य और चिंतन परंपरा के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी रचनाओं से समाज को आत्ममंथन करने और गहन प्रश्न उठाने के लिए प्रेरित किया।”
भैरप्पा जी ने अपने जीवनकाल में अनेक उपन्यास, निबंध और दार्शनिक कृतियाँ लिखीं, जिनके माध्यम से कन्नड़ साहित्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, इतिहास और मानवीय मूल्यों की गहरी झलक मिलती है। साहित्यिक जगत के साथ-साथ उनके पाठक भी इस दिग्गज लेखक के निधन से गहरे शोक में हैं। SL Bhyrappa