
Haryana Weather: हिसार। सच कहूँ/संदीप सिंहमार। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व आसपास के पूर्वी राज के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने से 24 घंटों के दौरान राजस्थान,हरियाणा, उत्तरप्रदेश व दिल्ली एनसीआर में जमकर बारिश हुई। इस दौरान सबसे अधिक बारिश राजस्थान के कोटा की रामगंज मंडी में 242 मिलीमीटर बारिश से सब पानी-पानी हो गया। बारिश के दौरान सड़कें जहाँ दरिया बनी नजर आई वहीं आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को हुई बारिश का असर हरियाणा में कम तो राजस्थान में ज्यादा देखने को मिला।राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी, अत्यंत भारी बारिश दर्ज की गई।
राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी व उत्तर-पूर्वी भागों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। दक्षिण-पूर्वी व उत्तर-पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में 29 जुलाई को भारी, अतिभारी व कहीं-कहीं अत्यंत भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। भारत मौसम विभाग के मौसम बुलेटिन के अनुसार 30-31 जुलाई को भरतपुर,जयपुर व अजमेर संभाग में कहीं-कहीं भारी व अतिभारी बारिश होने तथा बीकानेर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा बीकानेर,अजमेर,जयपुर व भरतपुर सांभग के कुछ भागों में मध्यम से कहीं-कहीं भारी बारिश का दौर 1 अगस्त को जारी रहने की संभावना है। राजस्थान राज्य में भारी बारिश की गतिविधियों में 2 अगस्त से कमी दर्ज होने तथा कुछ भागों में हल्की मध्यम बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।
पश्चिमी राजस्थान में 100 फीसदी अधिक हुई बारिश, हरियाणा अभी भी प्यासा | Haryana Weather
इस मानसून सीजन में पूरे राजस्थान में पहले से ही बारिश का आवश्यकता से अधिक हो चुकी है। पश्चिमी राजस्थान में लगभग 100 फीसदी अधिक बारिश हुई है। 1 जून से 28 जुलाई के बीच इस सीजन में 97 फीसदी बारिश हुई है। पर हरियाणा प्रदेश अभी भी प्यासा बना हुआ है। हरियाणा के सरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी,जींद,रोहतक व चरखी दादरी के लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और उससे सटे पूर्वी राजस्थान पर चक्रवाती परिसंचरण से जुड़ा एक निम्न दाब क्षेत्र बना हुआ है। यह मौसम प्रणाली अगले 24 घंटों में पश्चिम की ओर बढ़ेगी और राजस्थान के और करीब पहुँचेगी। निम्न दाब का यह क्षेत्र अगले 48 घंटों तक राज्य के उत्तरी भाग में घूमता रहेगा। इसलिए तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इस मौसम प्रणाली का असर दिल्ली एनसीआर व हरियाणा में भी दिखाई देगा।