प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार
जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अधिकारी अपनी कार्यशैली में ह्यूमन इंटेलीजेंस के साथ-साथ ह्यूमन साइकोलॉजी को भी शामिल करें। पुलिस अधिकारियों को उन बातों को समझने की नितांत आवश्यकता है जो अपराध का कारण बनते हैं।
दूसरे राज्यों की पुलिस से बनाए बेहतर संपर्क
श्रीमती राजे शुक्रवार को कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन पहले सत्र में पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य में बेहतर पुलिसिंग से कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है और अपराध कम हो रहे हैं। पुलिस अधिकारियों पर यह जिम्मेदारी है कि वे महिलाओं, बच्चों, कमजोर वर्गों पर होने वाले अपराधों की संवेदनशीलता के साथ तफ्तीश करें और अपराधियों पर सख्ती से लगाम लगाएं। मुख्यमंत्री ने अवैध हथियारों एवं अवैध शराब पर रोक, आर्म्स लाइसेंस आवेदनों के निस्तारण, दूसरे राज्यों की पुलिस से बेहतर संपर्क, सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं को रोकने आदि पर भी चर्चा की।
श्रीमती राजे ने रेंज आईजी, पुलिस कमिश्नरों तथा पुलिस अधीक्षकों से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, अपराध नियंत्रण तथा स्मार्ट पुलिसिंग के लिए किए जा रहे नवाचारों पर फीडबैक लिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध श्री पंकज कुमार सिंह ने अपराध विश्लेषण-चुनौतियां एवं समाधानह्य विषय पर तथा जयपुर पुलिस कमिश्नर श्री संजय अग्रवाल ने राज्य में पुलिस द्वारा किए जा रहे नवाचारों पर प्रजेन्टेशन दिया।
थाने हों साफ-सुथरे
श्रीमती राजे ने पुलिस थानों के मालखानों में बरामद एवं जब्तशुदा वाहनों, शराब तथा अन्य सामान आदि के पड़े रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे इनके शीघ्र निस्तारण की पहल करें। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में अलवर जिले में हुए सफल प्रयास की सराहना करते हुए सभी पुलिस अधीक्षकों को इस मॉडल को अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सालों तक भी इनका निस्तारण नहीं होने से थानों में कबाड़ का ढ़ेर लग जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि थाने साफ एवं सुन्दर होने चाहिए।
जनता को बनाएं अपने आंख-नाक-कान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने प्रदेशभर में अपराधों पर लगाम लगाने के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में कमी लाने का काम किया है। इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने जो प्रयास किए हैं उन्हें प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना चाहिए ताकि जनता जागरूक होकर अपराध और हादसे रोकने में पुलिस की सहयोगी बने।
रिटायर पुलिस कर्मियों एवं सैनिकों की लें मदद
मुख्यमंत्री ने बाडमेर में जिला पुलिस द्वारा सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों एवं पूर्व सैनिकों को मित्र मंडल के रूप में जोड़ने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि अन्य सीमावर्ती जिलों में भी इस मॉडल को अपनाया जाए। उल्लेखनीय है कि बाडमेर में करीब 1500 पूर्व पुलिस कर्मियों एवं पूर्व सैनिकों को बतौर पुलिस मित्र मंडल जोड़ा गया है। इनके अनुभवों से वहां कई संगीन अपराधों को खोलने में पुलिस को सफलता मिली है।
बनें टैक्नो-फ्रेंडली
श्रीमती राजे ने कहा कि कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, एडवांस फोरेंसिक सुविधाओं तथा ड्रोन आदि के उपयोग से हमने अपनी क्षमताएं बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा कि विकसित हो रही टेक्नोलॉजी तक अपराधियों की पहुंच होने के कारण पुलिस को भी अपनी योग्यताओं और क्षमताओं को लगातार अपग्रेड करना जरूरी है।
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