Jharkhand Kurmi Protest: रेल रोको आंदोलन की तैयारी: ST दर्जा न मिलने पर कुड़मी समाज उतरा सड़कों पर

Jharkhand Kurmi Protest

रांची। झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कुड़मी समाज से जुड़े संगठनों ने आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा देने की माँग को लेकर आगामी 20 सितंबर से रेल रोको आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। आंदोलन की सूचना मिलते ही राज्य प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जा रही है। Jharkhand Kurmi Protest

खुफिया तंत्र ने रेलवे प्रशासन को पहले ही सतर्क कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष सितंबर 2023 में भी यही मुद्दा उभरकर सामने आया था, जब कुड़मी समाज के लोगों ने पाँच दिनों तक रेलवे पटरियों पर जाम लगाया था। उस समय सरकार और संगठनों के बीच वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया था।

टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा (टीकेवीएम) के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि पिछले समझौते में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी, उन पर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसलिए पुनः आंदोलन करना समुदाय की मजबूरी बन गई है। Jharkhand Kurmi Protest

संभावना जताई जा रही है कि यह आंदोलन झारखंड के मुरी, गोमो, नीमडीह, घाघरा, चांडिल, हंसडीहा, छोटा गम्हरिया, डुमरी, गंजिया बराज और पारसनाथ जैसे प्रमुख रेलवे मार्गों को प्रभावित कर सकता है। यात्रियों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर रेलवे प्रशासन तथा जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से विशेष योजना तैयार की है।

कुड़मी समाज इस समय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की श्रेणी में है। समुदाय का तर्क है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा न मिलने से वे शिक्षा, नौकरी और आरक्षण जैसी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। इस मांग को लेकर वे लगातार धरना, प्रदर्शन और रेल रोको जैसे आंदोलन कर रहे हैं। हाल ही में राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी समुदाय के लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की थी।

गौरतलब है कि वर्ष 2023 में पश्चिम बंगाल में आयोजित इसी प्रकार के आंदोलन पर कोलकाता उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए रेल रोको को अवैध करार दिया था। इसके बावजूद कुड़मी समाज अपनी माँगों को लेकर एक बार फिर बड़े स्तर पर आंदोलन करने की तैयारी में है। Jharkhand Kurmi Protest